
चलिए साथ में पढ़ते है यह Hindi Horror Stories की है यह सुनहरे आईना की कहानी !
मेरा नाम मयंक है , में एक लेखक हु मेने कई सारी हिंदी कहानियां लिखी जैसे मेरी मां, दो रोटी , भविष्य खतरे में मगर जब मेने कहानी लिखी सुनहरे आईना तो उस दिन के बाद मेरी जिंदगी बस कुछ दिनों की ही थी यह मुझे नहीं मालूम था क्या में बच पता हु या नहीं जानिए इस कहानी में !
दिनांक 18 अप्रैल 1978 में लिखता हु मेरी बीवी आज बाजार से एक सुनहरा आईना खरीद कर लाएगी , उसकी कीमत 200 रुपए होगी मगर वह 170 रुपए में लाएगी ,
इतना लिख कर में सो गया अब शाम के समय में देखता हु मेरी बीवी एक आईना खरीद के लाती है जिसकी कीमत 170 रुपए थी ,
मुझे यकीन नहीं हुआ मेरी बीवी आईना खरीद कर लाई थी , और वह भी उतने रुपए में जितना मेने अपने कहानी में लिखा था , मुझे यह इत्तेफ़ाक लगा मेने अगले दिन कहानी फिर से लिखना शुरू किया , और मेने लिखा हर एक सुबह वह सुनहरा आईना हमे एक सोने का सिक्का देगा …यह लिख कर में सो गया !
अगले दिन मेने देखा तो कोई सोने का सिक्का नहीं था , और मुझे लगा मेरी बीवी के आईना खरीदने वाली बात सब एक बस इत्तेफ़ाक था और मेने एक ही दिन में पूरी कहानी लिख दी ,
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मगर कल उस सुनहरा आईना के पास से हमें एक सोने का सिक्का मिला यह सच हो रहा था , अब हर रोज सुबह हमे सोने के सिक्के मिलने लगे ,अब कुछ हफ्ते बाद ! हमे दो -दो सिक्के मिले जैसा कि मेने कहानी में लिखा था और एक दिन वह आईना मेरे बीवी से टकरा के टूट गया और उस आईना से एक आत्म आज़ाद हुई ,
अब कहानी में क्या होने वाला था यह बस में जनता था , उस आईना से निकली आत्मा ने मेरी बीवी के शरीर पे कब्जा कर लिया और वह आत्मा बस हर रात जंगल की तरफ निकल जाती और जानवरों को मार के खाने लगती यह सब बस हो रहा था में कुछ नहीं कर सकता था अब एक दिन वह आत्मा ने मेरी बीवी को छत से गिरा दिया और बार बार गिराने लगी उसे
आत्मा ( भारी आवाज और लाल आंखे कर ) : तुम्हे कहानी बदलनी होगी नहीं तो में तुम्हारे बीवी को मार दूंगी तुम्हे कहानी में लिखना होगा मेरा सारा परिवार यहां आ जाए
मयंक ( मन ही मन ) : अगर वह यहां आ गए तो बस मुझे पता है क्या हो सकता है,
मयंक : में करता हु , मे करूंगा
में जनता था में किया कर रहा हु , और में यह लिखता हु कि आत्मा यहां से चली जाए मगर कुछ समय पश्चात ही उसने मेरे पैर काट दिए
और बस वह मुझे मारने ही वाली थी
आत्मा : अगर दोबारा ऐसा करने की हिम्मत की तो ,
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मयंक : अब यह ना मुमकिन है मेने जो लिखा वो सच नहीं हुआ अगर में लिख भी दूं तो वह अब नहीं आ सकते ,
आत्मा कुछ भी बोलती और रात का समय हो जाता है ,
जब मयंक की बीवी (आत्मा ) सो रही होती है तब मयंक कोशिश करता है उस डायरी ( dairy) के पास जाने की ताकि वह उसे जला सके मगर तभी वह आत्मा उठ जाती है और जंगल की तरफ चली जाती है जानवरों का मास खाने , और तभी मयंक जमीन पे घसीट – घसीट कर चलता है और उस डायरी ( dairy ) के पास जाता है और वह ( dairy) जला देता और अगले दिन सुबह होती है ,
मयंक की बीवी उसे चाय देती है यह लीजिए ,
क्या यह एक सपना था ?, जब वह अपने जेब से सोने का सिक्का निकलता है तो उससे वह डर जाता है सब कुछ हुआ था , मगर अब सब कुछ सही था ,
वह एक रहस्य था या क्या पता नहीं मगर फिर वह (dairy) डायरी भी नहीं मिली !
निष्कर्ष :
दोस्तों, मैं आशा करता हूँ कि आपको यह ” सुनहरा आईना – डर का सच्चा अहसास : Hindi Horror Stories” शीर्षक वाली यह सुनहरा आईना की कहानी (bhutiya Aaina ) कहानी पसंद आई होगी , ऐसी और भी Hindi Horror Stories पढ़ने के लिए, हमारे ब्लॉग www.Sagadoor.in पर बने रहे.