Akbar Birbal Ki Kahaniyan

Top 10 + Akbar and Birbal stories in Hindi -मजेदार कहानियां

Akbar and Birbal Stories

Akbar and Birbal stories in Hindi में आज के इस पोस्ट में आपको दस से भी ज्यादा कहानी मिलेगी जो आपको अकबर – बीरबल की कहानियों का सैर कराती है, एक कहानी धैर्य रखना सीखती है तो एक कहानी यह सिखाती है आप किसी ठग से कैसे बचे जा सकते है और साथ ही साथ यह जानिए ( Birbal Ke Kisse ) बीरबल के किससे के बारे में कैसे उन्होंने स्वर्ग की यात्रा पूरी करी और उन्होंने बादशाह अकबर के सपने का कैसे मतलब बताया जो इतने बड़े ज्ञानी साधु ना दे सके , कैसे शहंशाह अकबर को मोती बनाने की कला सीखा कर खुद की जान बचाई और पहले मुर्गी आई या अंडा इसका जवाब कैसे आसानी से दिया ,
तीन रुपए में यहां की वहां की और जो यहां और वहां दोनों की ना हो ऐसे सामान खरीदने में सफल रहे थोड़ी असुलझी सी कहानियां है जो आपको मज़ेदार लगेगी और आपका सारा ध्यान एशे रहेगा जैसे आपको लगेगा कि अब बीरबल की खिचड़ी पकने वाली और आपको एक अच्छे से स्वाद के साथ यह अकबर – बीरबल की कहानियां का अंत होगा जिसमे आप उस खिचड़ी के स्वाद से अकबर – बीरबल की कहानियां का संदेश जानेंगे और बिना देरी करे चलिए पढ़ते है अकबर-बीरबल की रोचक कहानियां ।

1. बीरबल की खिचड़ी : Akbar and Birbal Stories

बीरबल की खिचड़ी ( Birbal ki khichdi) की शुरवात होती है , सर्दी के मौसम  से शहंशाह अकबर सुबह – सुबह बीरबल के साथ जंगल की तरफ जाते है घोड़े पे सवार होके अब जैसे ही शहंशाह अकबर थोड़ा आगे बढ़ते है उन्हे ठंड लगती है ,

वह कहते है सुनो बीरबल

अकबर : आज बहुत ठंड है हम किसी और दिन चलते है,

बीरबल : जी जहांपनाह,

कुछ समय पश्चात ,

अकबर : बीरबल यह बताओ हम शहंशाह अकबर स्वयं इस ठंड में बाहर निकलने के लिए तैयार नहीं है तो किया कोई व्यक्ति इतनी ठंड में बाहर निकल सकता है और अपना काम कर सकता है ?

बीरबल : जी जहांपनाह,

अकबर ( गुस्से में ) : बीरबल तुम हमारी तौहीन कर रहे हो ।

बीरबल ( अकबर को शांत करते हुए ) : माफी चाहूंगा जहांपनाह मगर जो लोग समय से सही से भोजन नही कर पाते जो लोग कर्ज़ से डूबे हो उनके लिए ये कुछ भी नही है ।…Read More

2. Akbar Birbal ki Kahani-सबसे बड़ा मनहूस कोन ?

Akbar birbal ki kahani
Akbar and Birbal Stories

अकबर बीरबल की यह कहानी ( Akbar Birbal ki Kahani ) किया होता है जब शहंशाह अकबर समझ लेते है उन पर बुरा साया पड़ा है फिर वह अंधविश्वास में लेते है एक फैसला ,

शुरू करते है यह अकबर बीरबल की कहानी छोटी सी

एक सुबह , शहंशाह अकबर जब जागते है उन्हे प्यास लगती है वह कहते है हमे प्यास लगी है हमारे लिए पानी लाया जाए,

आसपास कोई खास निजी सेवक नही था ,वह फिर से कहते है हमे प्यास लगी है हमे पानी चाहिए एक कचरा साफ करने वाला नौकर जिसने शहंशाह अकबर की आवाज सुनी उसने एक गिलास पानी शहंशाह अकबर के कमरे में जा के दे दिया अकबर चौक गए मगर उन्हें प्यास लगी थी तो उन्होंने पानी पी लिया ,

उसी समय खास सेवक आ गए और उस कचरा साफ करने वाले नौकर को भागा दिया और शहंशाह अकबर की चापलूसी करने लगें,

अब कुछ समय पश्चात्,

शहंशाह अकबर जब दरबार में गरीबों की समस्या सुन रहे थे तभी उनके पेट में दर्द होने लगता है राज्य वेध और हकीम उन्हे दावा देते है मगर कुछ काम नही करता ,

अब कुछ समय बाद ,..Read More

3.अकबर बीरबल के किस्से : मोती बोने की कला

एक सुबह शहंशाह अकबर उठते है और वह देखते है महल के चारो तरफ सब बीरबल के खिलाफ नारे लगा रहे थे ,

बीरबल पापी है , बीरबल पाखंडी है , बीरबल को सजा दी जाएं ,शहंशाह अकबर ने भरी जनमत बीरबल के खिलाफ देख आज्ञा दी की बीरबल को सूली पर चढ़ा दिया जाए

बीरबल ने अपनी अंतिम बात कहने की आज्ञा मांगी

आज्ञा मिलने पर बीरबल ने कहा ,

बीरबल : जहांपनाह मुझे जो भी पता था मेने आपको बता दिया मगर में आपको मोती बोने की कला नही सीखा पाया,

अकबर : किया , किया सच में तुम मोती बोने की कला जानते हो ?

बीरबल : जी जहांपनाह !

अकबर : तो जब तक हम मोती बोने की कला नही सिख लेते तुम्हे जीने का अवसर है

अगले दिन ,..Read More

4.अकबर बीरबल के किस्से : पहले मुर्गी आई या अंडा

Akbar birbal ke kisse
Murgi ya Anda

शहंशाह अकबर दरबार की सभा में थक जाते है जब वह सभा छोड़ कर जा रहे थे तब एक सिपाही आता है ,

सिपाही : हुजूर एक ज्ञानी पंडित लंबी दूर की यात्रा सफर कर के आए है वह अपने कुछ प्रश्न का जवाब चाहते है वह आप से मिलना चाहते है ,

अकबर : हम थक गए है मगर उनका अपमान नही कर सकते , इजाजत है ,ज्ञानी पंडित दरबार में आते है ,

ज्ञानी पंडित : जहांपनाह ,

हमने इस राज्य के बारे में काफी सुना है आप किसी को भी खाली हाथ नहीं भेजते आप हमेशा अपने से बड़े का ख्याल रखते है और गरीब लोगों का भी तो किया में सवाल पूछना शुरू करूं ?

अकबर : पंडित जी , हम आपके सवाल का जवाब जरूर देना चाहेंगे मगर हमें शंका है शायद हम आपका जवाब ना दे पाएं इसीलिए हम अपने सलाहकार बीरबल को यह मौका देंगे राज्य में बीरबल के चतुराई के किस्से बहुत प्रसिद्ध थे ,

सभी दरबारियों को भी यही उम्मीद थी कि बीरबल, ज्ञानी पंडित के प्रश्नों का जवाब देने के लिए सक्षम है ।

अब अकबर बीरबल ( Akbar Birbal) की इस कहानी में आगे , …Read More

5.बादशाह का सपना : अकबर बीरबल के किस्से

Akbar Birbal Ke Kisse
Badshah Akbar ka Sapna

शहंशाह अकबर बीरबल से बहुत प्रसन्न रहते थे बीरबल ने कई सारी गुत्थी सुलझाई थी और हर एक सवाल का जवाब होता था बीरबल के पास उनके कई सारे किस्से में से एक यह किस्सा जब बीरबल ने शहंशाह अकबर के सपनों का जवाब भी दिया जानिए Akbar Birbal Ke Kisse की यह कहानी ।

एक रात शहंशाह अकबर ने एक अजीब सपना देखा उस सपने में उन्होंने देखा की उनके एक दांत छोड़ के सारे दांत टूट गए है ।

शहंशाह अकबर को कुछ समझ नही आया की इस सपने का किया अर्थ है ,

अगली सुबह ,

शहंशाह अकबर ने देश भर के ज्योतिषियों और मुनियों को बुलवा भेजा ,शहंशाह अकबर ने अपना सपना सभी ज्योतिषियों के साथ -साथ मुनियों को भी बताया अपने सपने के बारे में,

अकबर : हम कैसे बताए मगर हमने एक अजीब सपना देखा है

ज्योतिष ( सारे एक साथ) : आप चिंतित ना हो जहांपनाह !

अकबर : हमने सपने में देखा की हमारे एक दांत छोड़ के सारे दांत गिर गए है । इसका किया अर्थ है हमे कुछ समझ नही आ रहा है ,

कुछ समय पश्चात्,

सभी ज्योतिष और मुनि आपस में एक विचार – विमर्श करते है और कुछ देर बाद वह इस सपने का मतलब बताते है उनमें से एक ज्योतिष कहते है जहांपनाह इस सपने का अर्थ है की आपके सारे नाते – रिश्तेदार आप से पहले ही मर जायेंगे।

अकबर ( बेहद क्रोध में ) : यह किया कह रहे है ,आप लोग चले जाएं यहां से हमे कुछ नहीं सुनना ...Read More

6.अकबर बीरबल के किस्से : तीन रुपए – तीन चीज़े

शहंशाह अकबर और सभी दरबारी सभा में थे , तभी शहंशाह अकबर ने देखा की एक मंत्री काफी उदास है ,

शहंशाह अकबर ने जब उन से पूछा किया हुआ आप इतने उदास क्यों है ?

मंत्री : जहांपनाह आप सारे काम बीरबल को सौंप देते है और उन्हें ही महत्व देते है ,जिस कारण हमें अपनी प्रतिभा साबित करने का मौका नही मिलता ।

अकबर : ठीक है हम आपको आज एक मौका देता है मंत्री को तीन रुपए दे कर कहा आप बाजार जाए और इन तीन रुपए को तीन चीजों पर बराबर बराबर खर्च करे यानी प्रत्येक समान एक रुपए का खर्च होना चाहिए ।

लेकिन जब आप समान खरीदेंगे तो आपको यह शर्त है की पहली चीज जो आप खरीदेंगे वह यहां को होनी चाहिए और दूसरी चीज वहां की होनी चाहिए और तीसरी चीज ना यहां की ना वहां की होनी चाहिए ।

मंत्री बाजार जाता है और शहंशाह अकबर के शर्त के हिसाब से चीजें खरीदने की कोशिश करता है , दुकानदार से कहता है यहां वहां की चीज़ दे दो , और जो यहां वहां की ना हो उससे भी दे दो ,

दुकानदार : ऐसी कोई चीज़ नहीं होती ,…Read More

7.Akbar Birbal Ke Kisse : स्वर्ग की यात्रा

शहंशाह अकबर बीरबल को बहुत पसंद करने लगे थे शहंशाह अकबर बीरबल से प्रसन्न रहते बाकी दरबारियों बीरबल की बुधिमत्ती से जलने लगे थे वजीर- ए- अब्दुल्लाह से भी यह सब कुछ सहन नही हो पा रहा था । क्योंकि जब से बीरबल ने नौ रत्नों में अपनी जगह ली थी , बीरबल के किस्से कि सब लोग बातें करते थे |

वजीर- ए – अब्दुल्लाह के साथ शहंशाह अकबर ज्यादा समय नहीं बीता पाते थे ।वजीर ए अब्दुल्लाह और कुछ दरबारी मिल जुल के बीरबल के खिलाफ़ एक योजना बनाते है और इस योजना में वह एक नाई को भी शामिल करते है ।

अब अकबर बीरबल की कहानी छोटी सी ( Akbar Birbal ke Kisse ) की इस कहानी में आगे बढ़ते है,

एक सुबह शाही नाई शहंशाह अकबर की हाजम बना रहे थे तो वह उनकी तारीफ करते हुए कहता है

नाई : जहांपाहना आप सभी का बहुत ख्याल रखते है अपने से बड़े , अपनी सल्तनत के गरीब , लाचार , बच्चे आदि ।

अकबर : शुक्रिया !

नाई: लेकिन , जहांपनाह

अकबर : लेकिन , लेकिन किया , किया कोई है जिससे हम भूल रहे है ? या कोई ऐसा है जिससे हम नजरंदाज कर रहे है ?

नाई: जहांपनाह गुस्ताखी माफ ! मगर अपने कभी सोचा है अपने बड़े बुजुर्ग मतलब अपने पूर्वजों के बारे में जो दुनिया छोड़ स्वर्ग चले गए है ।

अकबर : मगर हम तो उनका ख्याल रखते है उनके हक में हम दुआ करते है उनके याद में हमने शाही मकबरे बनवाए है ।

नाई : जहांपनाह आपको किसी को स्वर्ग भेजना चाहिए जो आपको बताए की आपके पूर्वज किस तरह रह रहे है और उनको किस चीज की दिक्कत तोह नहीं।

अकबर : यह किया कह रहे हो तुम , तुम्हारा दिमाग तो खराब नही हो गया कोई स्वर्ग जा के कैसे कोई वापस आ सकता है ?..Read More

8.पैर और चप्पल – Akbar and Birbal stories in Hindi

Akbar and Birbal stories in Hindi
Akbar and Birbal stories in Hindi

एक बार की बात है सभी दरबारी और शहंशाह अकबर मिलकर एक योजना बनाते है वह यह देखना चाहते है कि बीरबल सच्चे दीन : दुःखियों की पहचान कर पाते है या नहीं , वह अपने खास सैनिक को वेश बदला कर जाने को कहते है और कहते अगर तुम बीरबल से कुछ भी ले आते हो तो हम तुम्हे इनाम देंगे ।

अगले दिन ,

बीरबल मंदिर में पूजा कर रहे होते है , तभी वह सैनिक वेश बदलकर आते है काटे – पुराने कपड़े पहने के और अपना शरीर पे मिट्टी लगा के ताकि बीरबल उन्हें बिल्कुल भी पहचान ना पाए ,

बीरबल जब पूजा कर के निकल रहे होते है तभी वह सैनिक कहता है ,
हुजूर कृपया कुछ दान करें में और मेरा पूरा परिवार कुल 6 दिनों से भूखा है ,
बीरबल उस व्यक्ति को पूरा ऊपर से नीचे देखते है और…Read More

9.Akbar and Birbal stories in Hindi- बीरबल जब बच्चे बने

एक बार की बात है सभा शुरू होने वाली होती है , सभी दरबारी और शहंशाह अकबर उपस्थित हो गए ,
किंतु बीरबल नहीं थे और वह थोड़ा देरी से आते है ,
सभी दरबारी शहंशाह अकबर के कान भरते हुए कहते है
जहांपनाह यह बीरबल हमेशा देरी से आते है और अब ज्लदी घर को रवाना हो जाते है ,

शहंशाह अकबर ( बीरबल से पूछते हुए ) : बीरबल आपके देरी से आने की वजह ?
बीरबल : जहांपनाह मेरे बच्चे आज मुझे रोक रहे थे वह यह कह रहे थे कि आज में दरबार में ना जाऊं , बहुत मुश्किल से उन्हें समझा कर आया हु ,

शहंशाह अकबर : आपके इस उत्तर से हमें प्रसन्न नहीं है बीरबल किसी भी बच्चे को समझना इतना मुश्किल नहीं होता ,
बीरबल : जहांपनाह, बच्चे पें गुस्सा करना और फटकार लगाना अलग बात है , उन्हें प्यार से समझाने के लिए समय चाहिए ,
शहंशाह अकबर : कैसी बेतुकी बात कर रहे हो बीरबल ! …Read More

10.Akbar and Birbal stories in Hindi – बादशाह अकबर का गुस्सा

Akbar and Birbal stories in Hindi
Akbar and Birbal stories in Hindi

बादशाह अकबर हर सुबह उठते और अपने प्रिय गुलदान को देखते जिसमे कुछ फूल थे जो बहुत ही खूबसूरत थे और उनकी सुगन्ध से सुबह की शुरवात करते मगर एक दिन वह गुलदान उनकी बेगम साहिबा से गिर का टूट जाता और वह फूल भी किसी तरह से हाथों से ज़ल्दबाज़ी से पकड़ने के चक्कर में बेकार हो जाते है ,


जब यह बात बादशाह अकबर को पता चली तो वह बेगम साहिबा से रूठ गए और उन्हें मायके जाने का आदेश दे दिया ,
मगर बेगम साहिबा ने सोचा हम बादशाह के लिए दूसरा गुलदान ले जाएंगे उससे भी अच्छा मगर जब बेगम साहिबा दूसरा गुलदान ले कर गई तो,


बादशाह अकबर : आप अभी तक यही पे है , चली जाए आप यहां से , हम आपकी सूरत भी नहीं देखना चाहते है इसके बदले आप जो चाहे वह अपनी पसंद की चीज़ ले जा सकते है , …Read More

निष्कर्ष : 

दोस्तों, मैं आशा करता हूँ कि आपको “Akbar and Birbal stories in Hindi ” इस पोस्ट की कहानियां  पसंद आई होगी। ऐसी और भी Akbar Birbal stories की कहानी पढ़ने के लिए, हमारे ब्लॉग www.Sagadoor.in पर बने रहे.

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