बादशाह अकबर हर सुबह उठते और अपने प्रिय गुलदान को देखते जिसमे कुछ फूल थे जो बहुत ही खूबसूरत थे और उनकी सुगन्ध से सुबह की शुरवात करते मगर एक दिन वह गुलदान गिर का टूट जाता कैसे टूटा और किया हुआ उस व्यक्ति का पढ़िए यह Akbar and Birbal stories in Hindi – बादशाह अकबर के गुस्से की कहानी .
बादशाह अकबर का गुस्सा

बादशाह अकबर हर सुबह उठते और अपने प्रिय गुलदान को देखते जिसमे कुछ फूल थे जो बहुत ही खूबसूरत थे और उनकी सुगन्ध से सुबह की शुरवात करते मगर एक दिन वह गुलदान उनकी बेगम साहिबा से गिर का टूट जाता और वह फूल भी किसी तरह से हाथों से ज़ल्दबाज़ी से पकड़ने के चक्कर में बेकार हो जाते है ,
जब यह बात बादशाह अकबर को पता चली तो वह बेगम साहिबा से रूठ गए और उन्हें मायके जाने का आदेश दे दिया ,
मगर बेगम साहिबा ने सोचा हम बादशाह के लिए दूसरा गुलदान ले जाएंगे उससे भी अच्छा मगर जब बेगम साहिबा दूसरा गुलदान ले कर गई तो,
बादशाह अकबर : आप अभी तक यही पे है , चली जाए आप यहां से , हम आपकी सूरत भी नहीं देखना चाहते है इसके बदले आप जो चाहे वह अपनी पसंद की चीज़ ले जा सकते है ,
बेगम साहिबा रोते रोते अपने कक्ष में पहुंची और अपनी दास्तां अपनी दासी को बताने लगी ,
तभी एक दासी ने कहां : बेगम साहिबा आप क्यों ना बीरबल जी से सलाह ले वह आपको जरूर कुछ उपाय बताएंगे ,
बेगम साहिबा ने सारी बातें बीरबल जी को बताई,
बीरबल : जी , अगर बादशाह का हुकुम है तो आपको जाना ही होगा ,
बेगम साहिबा : बीरबल ! कुछ उपाय बताए हमे आप ,
आप तो जानते है बगैर बादशाह अकबर के कैसा होगा हमारा जीवन,
बीरबल : जी , हां आप पूरी बात सुनिए
फिर बीरबल ने उनकी कान में कुछ कहां ,
और बेगम साहिबा डरते हुए बोली कुछ होगा तो नहीं ना बीरबल ?
बीरबल : जी नहीं आप चिंता ना करें, आप अपनी पसंद की चीज़ ले जाए बेफिक्र ,
अब अगली सुबह,
बादशाह अकबर की जब आंख खुली तो वह चौंक गए , वह कहने लगे कोई है , कहां है हम , वह दूसरी जगह पे थे,
बेगम साहिबा सामने आयी,
बेगम साहिबा : जी हुजूर ,
बादशाह अकबर : बेगम साहिबा देख समझ गए यह उनका ससुराल है,
बादशाह अकबर (गुस्से से कहने लगे ) : आपकी हिम्मत कैसे हुई हमे यहां लाने की
बेगम साहिबा : मेरे सरताज , जहांपनाह हमने तो आपके हुकुम पूरा किया ,
बादशाह अकबर : किया मतलब !
बेगम साहिबा : जहांपनाह , आपने ही कहां था आपको जो चीज़ सब से प्रिय हो आप ले जा सकते हो
तो मेरे लिए आप से ज्यादा प्रिय और किया है !
बादशाह अकबर बेगम साहिबा के इस जवाब से खुश हो गए ,
और बोले यह जरूर बीरबल की तरकीब है ,
बेगम साहिबा : जी , उन्होंने है यह विचार दिया तो हमने रात को आपकी खाना में नींद की दवाई मिला के कुछ सैनिक की सहायता से यहां ले आए ,
बादशाह अकबर : हस्ते हुए बोले हमे लगा ही था ,यह बीरबल का ही तरकीब हो सकती है ,
और दोनों साथ में हसने लगे और बादशाह अकबर ने बेगम साहिबा को माफ कर दिया।

निष्कर्ष :
दोस्तों, मैं आशा करता हूँ कि आपको “Akbar and Birbal stories in Hindi – बादशाह अकबर का गुस्सा ,” शीर्षक वाली यह कहानी पसंद आई होगी। ऐसी और भी Akbar Birbal stories की कहानी पढ़ने के लिए, हमारे ब्लॉग www.Sagadoor.in पर बने रहे.