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Top 10 + Akbar and Birbal stories : अकबर बीरबल की कहानियां

अकबर बीरबल की कहानियां

आज के पोस्ट का शीर्षक है ” अकबर बीरबल की कहानियां ” इस पोस्ट बेहतरीन अकबर बीरबल की कहानियां है जो आपको आंनद के साथ ही साथ आपको जीवन के सच्ची नैतिक शिक्षा भी देती है , और साथ ही साथ यह बताती है धैर्य और संयम से किया हुआ काम का परिणाम हमेशा सफल ही होता,बच्चों को अकबर और बीरबल के जीवन की रोचक और कभी-कभी मज़ेदार घटनाएँ सुनने में बहुत मज़ा आता है, और इसलिए ये बच्चों के लिए सोने से पहले की बेहतरीन कहानियाँ हैं,जिसे वे जीवन भर ध्यान में रख सकते हैं,अब बिना कोई देरी किए बगैर चलिए शुरू करते है अकबर बीरबल के मज़ेदार हिंदी कहानियां

 1.स्वर्ग की यात्रा : Akbar and Birbal Stories

शहंशाह अकबर बीरबल को बहुत पसंद करने लगे थे शहंशाह अकबर बीरबल से प्रसन्न रहते बाकी दरबारियों बीरबल की बुधिमत्ती से जलने लगे थे वजीर- ए- अब्दुल्लाह से भी यह सब कुछ सहन नही हो पा रहा था । क्योंकि जब से बीरबल ने नौ रत्नों में अपनी जगह ली थी , बीरबल के किस्से कि सब लोग बातें करते थे,

वजीर- ए – अब्दुल्लाह के साथ शहंशाह अकबर ज्यादा समय नहीं बीता पाते थे ,वजीर ए अब्दुल्लाह और कुछ दरबारी मिल जुल के बीरबल के खिलाफ़ एक योजना बनाते है और इस योजना में वह एक नाई को भी शामिल करते है ।

अब अकबर बीरबल की कहानी छोटी सी इस कहानी में आगे बढ़ते है,

एक सुबह शाही नाई शहंशाह अकबर की हाजम बना रहे थे तो वह उनकी तारीफ करते हुए कहता है

नाई : जहांपाहना आप सभी का बहुत ख्याल रखते है अपने से बड़े , अपनी सल्तनत के गरीब , लाचार , बच्चे आदि ।

अकबर : शुक्रिया !

नाई: लेकिन , जहांपनाह

अकबर : लेकिन , लेकिन किया…Read More

2. सबसे बड़ा मनहूस कौन ? : Akbar and Birbal Stories in Hindi

एक सुबह , शहंशाह अकबर जब जागते है उन्हे प्यास लगती है वह कहते है हमे प्यास लगी है हमारे लिए पानी लाया जाए,

आसपास कोई खास निजी सेवक नही था ,वह फिर से कहते है हमे प्यास लगी है हमे पानी चाहिए एक कचरा साफ करने वाला नौकर जिसने शहंशाह अकबर की आवाज सुनी उसने एक गिलास पानी शहंशाह अकबर के कमरे में जा के दे दिया अकबर चौक गए मगर उन्हें प्यास लगी थी तो उन्होंने पानी पी लिया ,

उसी समय खास सेवक आ गए और उस कचरा साफ करने वाले नौकर को भागा दिया और शहंशाह अकबर की चापलूसी करने लगें,

अब कुछ समय पश्चात्,

शहंशाह अकबर जब दरबार में गरीबों की समस्या सुन रहे थे तभी उनके पेट में दर्द होने लगता है राज्य वेध और हकीम उन्हे दावा देते है मगर कुछ काम नही करता ,

अब कुछ समय बाद ,

ज्य ज्योतिष वह शहंशाह अकबर को कहते है जहांपनाह आप पे किसी मनहूस व्यक्ति का साया पड़ा है ।अकबर को याद आता है हमने सुबह कचरा साफ करने वाले के हाथ से पानी पिया था ।

अकबर: फांसी की सजा दी जाती है ,बंदी बना लो उस नौकर को वह मनहूस है ….Read More

3.पहले मुर्गी आई या अंडा : Akbar and Birbal Stories

शहंशाह अकबर दरबार की सभा में थक जाते है जब वह सभा छोड़ कर जा रहे थे तब एक सिपाही आता है ,

सिपाही : हुजूर एक ज्ञानी पंडित लंबी दूर की यात्रा सफर कर के आए है वह अपने कुछ प्रश्न का जवाब चाहते है वह आप से मिलना चाहते है ,

अकबर : हम थक गए है मगर उनका अपमान नही कर सकते , इजाजत है ।ज्ञानी पंडित दरबार में आते है ,

ज्ञानी पंडित : जहांपनाह ,

हमने इस राज्य के बारे में काफी सुना है आप किसी को भी खाली हाथ नहीं भेजते आप हमेशा अपने से बड़े का ख्याल रखते है और गरीब लोगों का भी तो किया में सवाल पूछना शुरू करूं ?

अकबर : पंडित जी , हम आपके सवाल का जवाब जरूर देना चाहेंगे मगर हमें शंका है शायद हम आपका जवाब ना दे पाएं इसीलिए हम अपने सलाहकार बीरबल को यह मौका देंगे राज्य में बीरबल के चतुराई के किस्से बहुत प्रसिद्ध थे ,

सभी दरबारियों को भी यही उम्मीद थी कि बीरबल, ज्ञानी पंडित के प्रश्नों का जवाब देने के लिए सक्षम है ।

अब अकबर बीरबल ( akbar birbal) की इस कहानी में आगे ,

ज्ञानी पंडित बीरबल से कहते है : बीरबल हमे आशा है आप इन सभी व्यक्तियों का निराश नही करेंगे

बीरबल : जी ! कृपया आप अपना प्रश्न पूछे

ज्ञानी पंडित : हम आपको दो विकल्प देते है पहला यह कि आप सौ आसान प्रश्न का जवाब दे या दूसरा आप एक कठिन प्रश्न का जवाब दे ,

बीरबल कुछ समय सोचने के पश्चात्

बीरबल : हम आपके एक कठिन प्रश्न का जवाब देना चाहेंगे ,

ज्ञानी पंडित : बताए पहले किया आया , पहले मुर्गी आई या अंडा ?…..Read More

4.सोने का खेत : Akbar and Birbal stories for kids

एक बार शाही बावर्ची शहंशाह अकबर के लिए उनके मनपसंद खाना बना रहे थे मगर उन से खाने में गलती से ज्यादा नमक गिर गया , उस बावर्ची ने ज्लदी ज्लदी दूसरा खाना बनाकर पेश किया शहंशाह अकबर ने पूछा आज तो हमरा मनपसंद खाना बनने वाला था भिंडी की सब्जी मगर आज यें दूसरी सब्जी क्यों बनाई ,

बावर्ची : जी जहांपनाह! थोड़ा घबराते हुए बोला जहांपनाह वह भिंडी खतम हो गई थी !
शहंशाह अकबर : क्या ! ऐसा नहीं हो सकता
बावर्ची : जहांपनाह माफी , वह सब्जी में ज्यादा नमक गिर गया जिस कारण आज यह दूसरी सब्जी बनाई ,
शहंशाह अकबर : क्या झूठ बोला तुमने , एक बार तो हम तुम्हे इस लिए माफ कर देते कि गलती से तुम से नमक ज्यादा गिर गया मगर झूठ के लिए कतई नहीं ,
निकल जाओ हमारी सल्तनत से हम तुम्हे देश निकला देते हैं,

यह सारी कहानी शहंशाह अकबर दरबार में सभी दरबारी को बता रहे थे ,
और कहा इस तरह हमनें उसे झूठ बोलने की सजा दी और देश निकला दिया
आप लोग किया कहते है हमने सही किया !

सभी दरबारी जी जहांपनाह , आपने सही किया
शहंशाह अकबर : हमे झूठ बोलने से सख्त नफरत है और सभी दरबारियों से पूछा हमे भी आशा है आप लोगों ने भी कभी झूठ नहीं बोला होगा !

सभी दरबारी : जी जहांपनाह ! झूठ बोलना तो अपराध है ऐसा कह कर सब ने हा में सर हिलाया ।

जब शहंशाह अकबर ने बीरबल से पूछा तो बीरबल ने कहा
बीरबल : जहांपनाह , मैने झूठ बोला है ,
शहंशाह अकबर : यह किया कह रहे है आप , हमें नहीं पता था हमरे नों रत्नों में से एक झूठा भी है ,

बीरबल ( बचाव करते हुए ) : जहांपनाह ! हमे लगता है किसी…Read More

5.जो होता है अच्छे के लिए होता है : Akbar Birbal ki Kahaniyan

सुबह का समय है , शहंशाह अकबर छत पे खड़े ताज़ी हवा का आनंद ले रहे थे , तभी गलती से उनका पैर दीवार पे लगता है उस दीवार पे एक कील लगी हुई थी , वह कील शहंशाह अकबर के पैर में लग जाती है और खून बहने लगता है , वह अचानक सभी सिपाहियों को आवाज़ देते और सारे सिपाही मिल कर उन्हें वैध जी के पास ले जाते है , सारे दरबारी उपस्थित हुए और बीरबल भी ,
सभी दरबारियों ने सहनुभूती जताया , तभी
बीरबल बोले : जहांपनाह ! चिंता ना करे जो होता है अच्छे के लिए होता है ,
शहंशाह अकबर ( गुस्से में ) : बीरबल ! हमारे पैर में कील घुस गई और खून बंद नहीं हो रहा है और आप कह रहे है जो होता है अच्छे के लिए होता है ,

तभी सभी दरबारियों में से एक मंत्री ने बोला : बीरबल यह आपकी खुश किस्मती है जो जहांपनाह ! दिल के अच्छे है नहीं तो आपको यहां से कब का रवाना कर दिया जाता ,

बीरबल : किंतु जहांपनाह !
शहंशाह अकबर : हमे कुछ नहीं सुनना बीरबल आपको हम कुछ दिनों तक बर्खास्त करते हैं ,

राज वैध ने शहंशाह अकबर की पट्टी कर दी और खून बहाना बंद हो गया ,

अब शाम के समय ..Read More

6. बादशाह अकबर का गुस्सा : अकबर बीरबल की कहानियां

अकबर बीरबल की लंबी कहानी
akbar and birbal

बादशाह अकबर हर सुबह उठते और अपने प्रिय गुलदान को देखते जिसमे कुछ फूल थे जो बहुत ही खूबसूरत थे और उनकी सुगन्ध से सुबह की शुरवात करते मगर एक दिन वह गुलदान उनकी बेगम साहिबा से गिर का टूट जाता और वह फूल भी किसी तरह से हाथों से ज़ल्दबाज़ी से पकड़ने के चक्कर में बेकार हो जाते है ,


जब यह बात बादशाह अकबर को पता चली तो वह बेगम साहिबा से रूठ गए और उन्हें मायके जाने का आदेश दे दिया ,
मगर बेगम साहिबा ने सोचा हम बादशाह के लिए दूसरा गुलदान ले जाएंगे उससे भी अच्छा मगर जब बेगम साहिबा दूसरा गुलदान ले कर गई तो,


बादशाह अकबर : आप अभी तक यही पे है , चली जाए आप यहां से , हम आपकी सूरत भी नहीं देखना चाहते है इसके बदले आप जो चाहे वह अपनी पसंद की चीज़ ले जा सकते है ,


बेगम साहिबा रोते रोते अपने कक्ष में पहुंची और अपनी दास्तां अपनी दासी को बताने लगी ,
तभी एक दासी ने कहां : बेगम साहिबा आप क्यों ना बीरबल जी से सलाह ले वह आपको जरूर कुछ उपाय बताएंगे ,
बेगम साहिबा ने सारी बातें बीरबल जी को बताई,


बीरबल : जी , अगर बादशाह का हुकुम है तो आपको जाना ही होगा ,
बेगम साहिबा : बीरबल ! कुछ उपाय बताए हमे आप ,
आप तो जानते है बगैर बादशाह अकबर के कैसा होगा हमारा जीवन,
बीरबल : जी , हां आप पूरी बात सुनिए
फिर बीरबल ने उनकी कान में कुछ कहां …Read More

7.मूर्खो की सूची – The list of fools : Akbar Birbal ki Kahani

शहंशाह अकबर एक बार दरबार में कह रहे थे कि आप सब लोग बुद्धिमान है , और हमारी सल्तनत के लिए यह आवश्यक भी है ताकि जब हम किसी मुसीबत में फंसे तो आप लोगों से विचार – विमर्श कर सके ,
मगर अब हम कुछ मूर्ख लोगों की भी देखना चाहते है ताकि हम अपना माहौल बदल सके ,
शहंशाह अकबर : बीरबल यह कार्य हम तुम्हे सौंप ते है ,
बीरबल : जी , जहांपनाह !

अगली सुबह दरबार में दूर-दूर शहरों और देशों से लोग व्यापार करने आए हुए थे बादशाह अकबर घोड़ों में काफी दिलचस्पी रखते थे साथ ही वह घोड़े की सवारी करना भी अच्छा लगता था , जिन घोड़े में उन्हें रुचि रहते थी वह अपने व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए खरीद लेते थे और बाकी बचे हुए अपनी सेना के लिए ,
मगर एक बार एक अंजान व्यपरी आया अपने मजबूत और तंदुरुस्त घोड़े ले कर बादशाह अकबर ने उन्हें खरीद ने के लिए राज़ी हो गए

अंजान व्यपारी : शहंशाह अकबर अगर आप कहें तो हम आपके लिए कई घोड़े ऐसे ला सकते ,
शहंशाह अकबर : हां जरूर आप 100 घोड़े लाए,
अंजान व्यापारी : मगर जहांपनाह , शर्त यह है कि आप आधी रकम हमे पेशगी में दे ,

अब शहंशाह अकबर को घोड़े काफी आकर्षित और मजुबत लगे तो वह मंजूरी दे देते है ,

वह अपने ख़ज़ानची कह देते है , और उस अंजान व्यापारी को आधी रकम आदा करने को बोल देते है ,
अब वह अंजान व्यापारी खजाने की और बढ़ता ख़ज़ानची के साथ ,

सभी दरबारियों को यह सौदा उचित नहीं लग रहा था , मगर शहंशाह अकबर के आगे किसी की हिम्मत नहीं थी बोलने की ।

मगर बीरबल खड़े होते और कहते है जहांपनाह ,
आपने हमे कुछ दिन पहले मूर्ख लोगों की सूची तैयार करने की लिए कहा था हमे अफसोस है कि उस सूची में आपका नाम सब से उपर है…Read More

8.मोती बोने की कला : अकबर बीरबल की कहानियां

एक सुबह शहंशाह अकबर उठते है और वह देखते है महल के चारो तरफ सब बीरबल के खिलाफ नारे लगा रहे थे ,

बीरबल पापी है , बीरबल पाखंडी है , बीरबल को सजा दी जाएं ,शहंशाह अकबर ने भरी जनमत बीरबल के खिलाफ देख आज्ञा दी की बीरबल को सूली पर चढ़ा दिया जाए

बीरबल ने अपनी अंतिम बात कहने की आज्ञा मांगी

आज्ञा मिलने पर बीरबल ने कहा ,

बीरबल : जहांपनाह मुझे जो भी पता था मेने आपको बता दिया मगर में आपको मोती बोने की कला नही सीखा पाया

अकबर : किया , किया सच में तुम मोती बोने की कला जानते हो ?

बीरबल : जी जहांपनाह !

अकबर : तो जब तक हम मोती बोने की कला नही सिख लेते तुम्हे जीने का अवसर है

अगले दिन ,

बीरबल ने कुछ ख़ास और विशेष महलों की तरफ इशारे करते हुए कहा इन्हें ढहा दिया जाए यह महल जिस जमीन पर बने है यहां को मिट्टी बहुत उपजाऊ है वह सारे महल उन लोगो के थे जिन्होंने बीरबल के खिलाफ झूठी शिकायत करने वाले कुछ दरबारियों के थी ,

आप उन महलों को ढहा देने के बाद वहां बीरबल ने जौ बो दिया और कहा अब अगली सुबह यह पौधे , कल सुबह मोती पैदा करेंगे ,

अब अगले दिन …Read More

9.बीरबल की खिचड़ी : Birbal Khichdi Story

बीरबल की खिचड़ी ( birbal ki khichdi) की शुरवात होती है , सर्दी के मौसम में शहंशाह अकबर सुबह – सुबह बीरबल के साथ जंगल की तरफ जाते है घोड़े पे सवार होके अब जैसे ही शहंशाह अकबर थोड़ा आगे बढ़ते है उन्हे ठंड लगती है ,

वह कहते है सुनो बीरबल

अकबर : आज बहुत ठंड है हम किसी और दिन चलते है

बीरबल : जी जहांपनाह

कुछ समय पश्चात ,

अकबर : बीरबल यह बताओ हम शहंशाह अकबर स्वयं इस ठंड में बाहर निकलने के लिए तैयार नहीं है तो किया कोई व्यक्ति इतनी ठंड में बाहर निकल सकता है और अपना काम कर सकता है ?

बीरबल : जी जहांपनाह

अकबर ( गुस्से में ) : बीरबल तुम हमारी तौहीन कर रहे हो ।

बीरबल ( अकबर को शांत करते हुए ) : माफी चाहूंगा जहांपनाह मगर जो लोग समय से सही से भोजन नही कर पाते जो लोग कर्ज़ से डूबे हो उनके लिए ये कुछ भी नही है ।

अकबर : ठीक है बीरबल हम देखना चाहते है की तुम्हारी बात में कितना सच है…Read More

10.पैर और चप्पल – Akbar and Birbal stories in Hindi

एक बार की बात है सभी दरबारी और शहंशाह अकबर मिलकर एक योजना बनाते है वह यह देखना चाहते है कि बीरबल सच्चे दीन : दुःखियों की पहचान कर पाते है या नहीं , वह अपने खास सैनिक को वेश बदला कर जाने को कहते है और कहते अगर तुम बीरबल से कुछ भी ले आते हो तो हम तुम्हे इनाम देंगे ।

अगले दिन ,

बीरबल मंदिर में पूजा कर रहे होते है , तभी वह सैनिक वेश बदलकर आते है काटे – पुराने कपड़े पहने के और अपना शरीर पे मिट्टी लगा के ताकि बीरबल उन्हें बिल्कुल भी पहचान ना पाए ,

बीरबल जब पूजा कर के निकल रहे होते है तभी वह सैनिक कहता है ,
हुजूर कृपया कुछ दान करें में और मेरा पूरा परिवार कुल 6 दिनों से भूखा है ,
बीरबल उस व्यक्ति को पूरा ऊपर से नीचे देखते है और मन ही मन में मुस्कुराने लगते है ,
और बिना कोई उत्तर दिए बैगर आगे बढ़ने लगते तभी वेह सैनिक आता है और कहता है,
हुजूर कुछ सहायता करे , कहते है जब आप किसी भूखे को कुछ खिलाएंगे तो यह अवश्य यह आपका पुण्य होगा ,

बीरबल जी एक नदी पार कर के जाने लगे तभी वह सैनिक भी आने लगा और साथ ही साथ उसने अपनी कटी हुई चप्पल उतार कर हाथ में ले ली , मगर वह अपने चप्पल को अच्छे से नहीं रख पा रहे थे ऐसा जैसे उनके शरीर मैला हो जाएगा , जैसे ही नदी पार की बीरबल जी ने देखा उसके पैर साफ – सुथरा हो गया , उसके पैर मुलायम , गोरी चमड़ी दिखने लगी यह सब बीरबल जी ने ध्यान दिया ..Read More

11.बीरबल जब बच्चे बने : Akbar and Birbal stories in Hindi

एक बार की बात है सभा शुरू होने वाली होती है , सभी दरबारी और शहंशाह अकबर उपस्थित हो गए ,
किंतु बीरबल नहीं थे और वह थोड़ा देरी से आते है ,
सभी दरबारी शहंशाह अकबर के कान भरते हुए कहते है
जहांपनाह यह बीरबल हमेशा देरी से आते है और अब ज्लदी घर को रवाना हो जाते है ,

शहंशाह अकबर ( बीरबल से पूछते हुए ) : बीरबल आपके देरी से आने की वजह ?
बीरबल : जहांपनाह मेरे बच्चे आज मुझे रोक रहे थे वह यह कह रहे थे कि आज में दरबार में ना जाऊं , बहुत मुश्किल से उन्हें समझा कर आया हु ,

शहंशाह अकबर : आपके इस उत्तर से हमें प्रसन्न नहीं है बीरबल किसी भी बच्चे को समझना इतना मुश्किल नहीं होता ,
बीरबल : जहांपनाह, बच्चे पें गुस्सा करना और फटकार लगाना अलग बात है , उन्हें प्यार से समझाने के लिए समय चाहिए ,
शहंशाह अकबर : कैसी बेतुकी बात कर रहे हो बीरबल ! मेरे पास कोई भी बच्चा लाओं में उससे बड़ी आसानी से समझा दूंगा
बीरबल : जी हुजूर , में ही बच्चा बन जाता हूं ...Read More

12.बादशाह का सपना : अकबर बीरबल के किस्से

शहंशाह अकबर बीरबल से बहुत प्रसन्न रहते थे बीरबल ने कई सारी गुत्थी सुलझाई थी और हर एक सवाल का जवाब होता था बीरबल के पास उनके कई सारे किस्से में से एक यह किस्सा जब बीरबल ने शहंशाह अकबर के सपनों का जवाब भी दिया जानिए Akbar Birbal Ke Kisse की यह कहानी ।

एक रात शहंशाह अकबर ने एक अजीब सपना देखा उस सपने में उन्होंने देखा की उनके एक दांत छोड़ के सारे दांत टूट गए है ।

शहंशाह अकबर को कुछ समझ नही आया की इस सपने का किया अर्थ है ,

अगली सुबह ,

शहंशाह अकबर ने देश भर के ज्योतिषियों और मुनियों को बुलवा भेजा ,शहंशाह अकबर ने अपना सपना सभी ज्योतिषियों के साथ -साथ मुनियों को भी बताया अपने सपने के बारे में,

अकबर : हम कैसे बताए मगर हमने एक अजीब सपना देखा है

ज्योतिष ( सारे एक साथ) : आप चिंतित ना हो जहांपनाह !

अकबर : हमने सपने में देखा की हमारे एक दांत छोड़ के सारे दांत गिर गए है । इसका किया अर्थ है हमे कुछ समझ नही आ रहा है ,

कुछ समय पश्चात्,

सभी ज्योतिष और मुनि आपस में एक विचार – विमर्श करते है और कुछ देर बाद वह इस सपने का मतलब बताते है उनमें से एक ज्योतिष कहते है जहांपनाह इस सपने का अर्थ है की आपके सारे नाते – रिश्तेदार आप से पहले ही मर जायेंगे।

अकबर ( बेहद क्रोध में ) : यह किया कह रहे है ,आप लोग चले जाएं यहां से हमे कुछ नहीं सुनना ...Read More

निष्कर्ष :

आशा करता हु आपको यह अकबर बीरबल की कहानियां अच्छी लगी हो , हमने इस पोस्ट में कोशिश की आपको अकबर बीरबल की अच्छी कहानियां पढ़े जो आपके लिए आनंद से भरी हो और साथ में कुछ ऐसी जो आपको नैतिक शिक्षा दे , ऐसे और भी अकबर बीरबल की कहानियां पढ़ने के लिए हमारे ब्लॉग वेबसाइट पे बने रहे  , धन्यवाद!

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