जो होता है अच्छे के लिए होता है ! कैसे शहंशाह अकबर सहमत हुए बीरबल के इस तर्क से कि ” जो होता है अच्छे के लिए होता ” जब वो आए मौत के मुंह से बाहर पढ़े यह अकबर बीरबल की मजेदार कहानी – जो होता है अच्छे के लिए होता है ,
जो होता है अच्छे के लिए होता है

सुबह का समय है , शहंशाह अकबर छत पे खड़े ताज़ी हवा का आनंद ले रहे थे , तभी गलती से उनका पैर दीवार पे लगता है उस दीवार पे एक कील लगी हुई थी , वह कील शहंशाह अकबर के पैर में लग जाती है और खून बहने लगता है , वह अचानक सभी सिपाहियों को आवाज़ देते और सारे सिपाही मिल कर उन्हें वैध जी के पास ले जाते है , सारे दरबारी उपस्थित हुए और बीरबल भी ,
सभी दरबारियों ने सहनुभूती जताया , तभी
बीरबल बोले : जहांपनाह ! चिंता ना करे जो होता है अच्छे के लिए होता है ,
शहंशाह अकबर ( गुस्से में ) : बीरबल ! हमारे पैर में कील घुस गई और खून बंद नहीं हो रहा है और आप कह रहे है जो होता है अच्छे के लिए होता है ,
तभी सभी दरबारियों में से एक मंत्री ने बोला : बीरबल यह आपकी खुश किस्मती है जो जहांपनाह ! दिल के अच्छे है नहीं तो आपको यहां से कब का रवाना कर दिया जाता ,
बीरबल : किंतु जहांपनाह !
शहंशाह अकबर : हमे कुछ नहीं सुनना बीरबल आपको हम कुछ दिनों तक बर्खास्त करते हैं ,
राज वैध ने शहंशाह अकबर की पट्टी कर दी और खून बहाना बंद हो गया ,
अब शाम के समय ,
शहंशाह अकबर ( मन ही मन ) : बीरबल कैसे एशा कर सकते है , जो होता है अच्छे के लिए होता , इन सब में हमने अपना पूरा दिन ख़राब कर लिया,
अपने एक सिपाही को बुलाया और कहा हम जंगल में सैर करने जाएंगे ,शहंशाह अकबर निकल पड़ते है ,
शहंशाह अकबर बहुत तेज़ अपने घोड़े को दौड़ाते है , साथ ही साथ सिपाही भी उनके साथ होते है ,
कुछ समय बाद ,
शहंशाह अकबर एक अलग रास्ते पे चले जाते है , सिपाहियों को वह नज़र ही नहीं आते है ,
उनमें से एक सिपाही यह रास्ता तो उन आदिवासियों को है कहीं इसी रास्ते पे तो शहंशाह अकबर नहीं चले गए?
सिपाही : अब कुछ नहीं कर सकते एक काम करो सभी लोग अलग – अलग दिशा में चलते है ,
अब हम यह देखते है कि शहंशाह अकबर अपने घोड़े पे सवार काफी आगे आ गए है , कुछ आदिवासी झाड़ियों में छुपे है है ,
जैसे ही शहंशाह अकबर थोड़ा आगे बढ़ते है तभी सारे आदिवासी उन्हें घेर लेते है , और अपने भाषा में कहने लगते है , बली देवता को खुश करना है ,
शहंशाह अकबर : हमे छोड़ दो , हम शहंशाह अकबर है
सभी आदिवासी उनके हाथ पैर बांध कर ले जाते है,
शहंशाह अकबर बस यही सोच रहे थे अब किया होगा या खुदा ! ,
रात होते ही ,
उनके कबीले का सरदार कहता है देवता खुश हो जाएंगे ,
और हसने लगते है तभी
कबीले का सरदार : इनके कपड़े बदलो थोड़ी देर बाद जैसे ही उनके कपड़े बदले जाते है ,
कबीले का सरदार देखता है शहंशाह अकबर के पैर पे पट्टी लगी है और पट्टी में खून था जब पट्टी हटाई तो देखा वो जख्मी थे ,
कबीले का सरदार : नहीं देते हम अपने देवते को अस्वस्थ शरीर बली में , तुम भाग्यशाली हो , इस जख्म की वजह से हम तुम्हारी बली नहीं दे सकते है ,
और शहंशाह अकबर कपड़े पहन महल में लौटते है , और सूचना देते है कि सभी सिपाहियों को बोले हम लौट आए है , हमे ना ढूंढ़े और बीरबल को अपने कक्ष में बुलवा देते है ,
बीरबल : जी हुजूर ,
शहंशाह अकबर : हां, बीरबल तुमने सही कहा था ” जो होता है अच्छे के लिए होता ” ,
मौत के मुंह से बच के वापस आ रहे है बीरबल !
( शहंशाह अकबर ने सारी बात बताई बीरबल को ! ) ,
मगर शहंशाह अकबर बोले : बीरबल हमने तुम्हे बर्खास्त कर दिया था यह तुम्हारे लिए कैसे अच्छा हुआ ,
बीरबल : जहांपनाह ! आप जब भी जाते है सैर पे मुझे साथ ले जाते है अगर आज में आपके साथ जाता तो आप तो बच जाते मगर में तो स्वास्थ्य था वह मेरी बली दे देते अपने देवता को !
शहंशाह अकबर : सही कहा बीरबल तुमने ” जो होता है अच्छे के लिए होता ” ,
और दोनो साथ में हसने लगे और यह कहानी यहां समाप्त हुई ,

कहानी से सीख :
हम अक्सर अपनी छोटी – छोटी समस्या से परेशान रहते है , भरोसा रखे उपर वाले पे उन्होंने आपके लिए जरूर कुछ अच्छा सोचा है ,
सकारात्मक सोचे ! ” जो होता है अच्छे के लिए होता ” ( Jo Hota hai Acche ke liye hota hai ) .
निष्कर्ष :
दोस्तों, मैं आशा करता हूँ कि आपको यह ” जो होता है अच्छे के लिए होता है : Akbar Birbal ki kahaniyan ” शीर्षक वाली यह Akbar Birbal ki Kahani जो होता है अच्छे के लिए होता कहानी पसंद आई होगी , ऐसी और भी Akbar Birbal ki kahaniyan पढ़ने के लिए, हमारे ब्लॉग www.Sagadoor.in पर बने रहे.