Hindi Horror Stories

Hindi Horror Stories : अमर बनने की सच्ची कहानी –संभव है? |

आज के समय में हर कोई चाहत है लंबी उमर जीना और तंदुरुस्त शरीर मगर किया हो जब किसी एक व्यक्ति को ज्ञान हो जाए की कैसे अमर होना है पढ़िए यह Hindi Horror Stories की अमर बनने की कहानी.

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कहानी की शुरवात होती है , एक आत्मा जो किसी के घर में प्रवेश करती है और थोड़ा आगे बढ़ता है उसे एक व्यक्ति दिखता है वह अचानक से खंजर निकाल के गाला काट देती है और उस व्यक्ति के हाथ की छोटी उंगली ( अनामिका ) काट कर अपने साथ ले जाती है ,
और एक पर्ची निकलती है और कहती है अब चार और बाकी है बस,

अब अगली सुबह हम एक बच्चे को देखते है जिसका नाम रेहान है , वह स्कूल जाने के लिए तैयार हो रहा है आज वो बहुत खुश है क्योंकि बहुत दिन बाद स्कूल जा रहा है , सेहत खराब होने के कारण दो हफ्तों से स्कूल नहीं जा पाया और वह अपने दोस्तों से भी मिलेगा बहुत दिन बाद ,

थोड़ी देर बाद स्कूल पहुंचने के बाद वह अपने दोस्तों को देखता है , मगर उससे कोई बात नही करता क्योंकि सेहत खराब होने से पहले रेहान ने अपने सारे दोस्तो से लड़ाई की थी ।

छुट्टी होने के बाद जब वह घर आता है तो उसे एक छोटा पार्क दिखता है ( जिसमे लोगो का जाना माना है एक बोर्ड पर ऐसा लिखा होता है ),

और वह वहां जाने का सोचता है मगर वो जाता नही है
अब वो घर पहुंचता है सोचता है , आज शाम को बात करनी होगी ,

रेहान शाम को खाना खाते वक्त कहता है
पिता जी से मुझे एक साइकिल चाहिए में घर अकेले आता हु मुझे डर लगता है और मेरे दोस्त भी अब अलग – अलग आते है ,

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रेहान के पिता समझते हुए : बेटा अभी आप थोड़ा दिक्कत कर लो , आप एक काम करो आप कुछ दिनों और अभी रिक्शे से आना – जाना करो , अभी दिक्कतें है हम कोशिश करते है अगले महीने आप को दिलवा दे ,

मगर रेहान की जिद्द ऐशा की नहीं मुझे कल ही चाहिए , और खाने से उठ कर भाग जाता है और उसी पार्क में जा कर बैठ जाता है ( जो पार्क उसने स्कूल से घर आते वक्त देखा था ) ।

तभी हम एक आदमी को देखते जो कब रेहान के पास आ गया और उसके पास बैठ गया पता नही चलता और वो कहता है

रेहान को किया हुआ कियों रो रहे हो आप ,

रेहान: मुझ से कोई प्यार नही करता और मेरा कोई दोस्त भी नही है ,
रेहान ( विस्तार से बताते हुए ) : मेने अपने पिता से एक साईकिल मांगी मगर उन्होंने मना कर दिया और मां ने भी मना कर दिया और मेरा कोई दोस्त भी मुझ से बात नहीं कर रहा ,

अब वो आदमी अपना नाम रेहान को सहदेव बताता है और कहता है ऐसा नही है तुम्हारे मां,पिता तुम से बहुत प्यार करते है ये लो चॉकलेट खा लो तभी रेहान के मां , पिता आ जाते है उससे दूंढते हुए और रेहान सहदेव को कहता बाद में मिलते है ,

मगर उसके मां – पिता को समझ नही आ रहा था की ये किसे बात कर रहा है , और तभी सहदेव उनके साथ उस पार्क से बाहर निकलने की कोशिश करता है ,
मगर बाहर जा नही पता और एक शक्ति उससे पीछे कर देती है , रेहान और उसके मां – पिता घर पहुंच जाते है ।

अब हम उसी आत्मा को देखते है जिससे हमने पहले देखा था वो फिर किसी के घर में जाता है और इस बार दो लोगो को खंजर से मार देता है और उनके हाथ की उंगली ( अनामिका ) काट कर साथ ले जाता है
और पर्ची निकल के कहता है बस दो , अब बस दो बच गए है जोड़ से हस्ता हुआ आगे बढ़ता है ।

अब अगली सुबह हम फिर रेहान को देखते है ,

रेहान के पिता : बेटा अगले महीने पक्का ला देंगे ठीक है चिंता मत करो बस कुछ दिन दिक्कत कर लो और ये कहते हुए रेहान को स्कूल छोड़ देते है और खुद ऑफिस चले जाते है

अब आज रेहान खुश था उसने कल वाला सारा काम कर लिया था और उससे कोई चिंता नहीं चाहे उससे कोई बात करता हो या ना मगर बात यह है कि उसके सारे दोस्त उससे बात करते है आज और कहते है गलती तुम्हारी ही थी तो हम सभी ने सोचा तुम से कुछ दिन बात ना करे , और सभी दोस्त साथ मिलकर हसने लगे ।

अब छुट्टी के बाद,

रेहान जब घर जा रहा होता है तो वह फिर से उसी पार्क को देखता है और उसमे जाता है ,

वहां वह सहदेव से मिलता है और कहता है कल तुमने मुझे चॉकलेट दिया था अच्छा था , धन्यवाद आपका ।

सहदेव : तुम्हे और चाहिए ?

रेहान : हां, है आपके पास और इस बार थोड़ा ज्यदा देना मेरे दोस्तों ने बात करना शुरू कर दिया है मुझ से ,

सहदेव : यह तो अच्छी बात है , एक काम करो ये पार्क के चारों तरफ एक धाग बांधा हुआ उसे खोल दोगे तो इस बार में तुम्हे 4 – 5 चॉकलेट दूंगा

रेहान: ठीक है ,

अब रेहान वो धागे खोल देता है और बड़ी आसानी से सहदेव रेहान के साथ बाहर निकल जाता है इस पार्क से और रेहान को चॉकलेट दे कर कहता है घर जाओ अभी में आप से बाद में मिलता हु ,

अब सहदेव सीधा जाता है एक बाबा के पास जिसका नाम हरी है,

सहदेव : ये तुमने ठीक नही किया में तुम्हे मार दूंगा तभी वो आत्मा आती है जो लोगो को मार रही थी और उनकी उंगली ( अनामिका ) काट रही थी और वो अपने साथ एक और उंगली लाती है

हरी : हा , हा ये ही चाहिए मुझे बस एक और चाहिए अब एक बलि और चाहिए

सहदेव : तुम्हे लगता है ये बलि दे कर तुम अमर हो जाओगे नही में ऐश नही होने दूंगा

अब वोह आत्मा जिसका नाम रिशी है सहदेव को मारने लगता है , और दोनो के बीच लड़ाई होती इस दौरान उस आत्मा से वह पर्ची गिर जाती है और सहदेव वह नाम देखता जो उस पर्ची में आखरी बचा था ,
वह नाम रेहान का ही था , सहदेव किसी तरह से वहां से निकल जाता है ,

और मन ही मन सोचता है :
वह पर्ची में उन व्यक्ति के नाम लिखे है जिन्होंने पूर्णिमा के शुभ समय जन्म लिया है , अगर उनकी बली दी जाए और और उनकी हाथ की छोटी उंगली ( अनामिका ) काट कर विधि और पुराण के हिसाब से सभी उंगली को एक साथ रखा जाए तो वह अमर होने के समक्ष हो जाता है ।

अब सहदेव रेहान के घर जाता है , और उसे मिलता है,

रेहान आप इस वक्त यहां कैसे , रेहान देखता है सहदेव को उसके माता – पिता देख ही नहीं पा रहे थे कि यह किससे बात कर रहा है सहदेव रेहान को सुरक्षित करने का सोचता है ,

उसके माता – पिता डर जाते है यह किया है रहा है और यह रेहान किससे बात कर रहा है ,

मगर वह आत्मा रिशी आ जाती है , मगर सहदेव ने पूरा पवित्र घेरा बना दिया था जिससे वह आत्मा ना रेहान को और ना की उसके परिवार को छू सकती थी ,

सहदेव रिशी को समझने की कोशिश करता है कि वह बस तुम्हरा इस्तेमाल हो रहा है उसके पश्चात् वह तुम्हे भी कैद कर लेगा , जैसे चाहे वैसे इस्तेमाल करेगा ,

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अब हमे पूरी कहानी समझ आती है सहदेव बाबा हरी का शिष्य था और सहदेव को पता चल गया की ये बाबा हरी अमर होने के लिए लोगो की बलि देना चाहता है , मेने जब इस का विरोध किया तो मुझे पता चला यह सब से पहेल मुझे ही मारना चाहता है क्योंकि में भी पूर्णिमा के शुभ समय में जन्म लिया था , बाबा हरी ने मुझे मार दिया और मेरी भी एक उंगली काट कर अपने पास रख ली मगर पता नही कैसे मेरी आत्मा को मोक्ष नहीं मिला ,

जब यह बात इस बाबा को पता चला तो मुझे एक पार्क में कैद कर दिया मगर वो रिशी नही सुनता और खंजर निकल के मारना शुरू करता है सहदेव को

सहदेव गीता के कुछ श्लोक पढ़ता है और तभी हवाएं तेज हो जाती है और सहदेव से एक अदृश्य शक्ति निकलती है और रिशी का खात्मा कर देती है ,

सहदेव : गुरु जी बस आप ही रह गए है ,

बाबा हरी कहता है : में तुम्हारा गुरु हु और मेने ही ये विद्या सिखाई है तुम्हे,

सहदेव : हा मगर गुरु कितना ही बड़ा हो चाहे कितना ज्ञानी हो गलत दिशा की और जो चलता है सब का अंत निश्चित है ,

बाबा हरी और सहदेव दोनो एक दूसरे को टक्कर दे रहे है और दोनो के पास कुछ शक्तियां थी जिससे वे युद्ध कर रहे थे सहदेव के लिए यह मुश्किल था ,

बाबा हरी कभी विद्यमान थे , उन्होंने ही सहदेव को सब कुछ सिखाया था मगर वह गीता से एक श्लोक पढ़ता है ,
तभी , एक बड़ी ही अदृश्य शक्ति आकाश से आती है और बाबा हरी पर गिरती है और उसकी मृत्यु हो जाती है ,

आखिर बार सहदेव रेहान से मिल कर उससे सीखता है मां,पिता की हमेशा इज्जत करो और उनकी बाते हमे माननी चाहिए और यह कहने के बाद वो धरती से अलविदा लेता है ।

कहानी से सीख :-

आज की ये कहानी में हमने ये जाना गलत दिशा में जा कर जो आगे बढ़ने की
कोशिश करता है उसका अंत निश्चित है , चाहे वो कितना बड़ा विद्यमान हो ,अगर आप प्रकृति से छे़छाड़ करते हो तो आपको उसका हर्जाना भरना ही होता ।

निष्कर्ष : 

दोस्तों, मैं आशा करता हूँ कि आपको “Hindi Horror Stories : अमर बनने की सच्ची कहानी –संभव है? | ” शीर्षक वाली यह Real Horror Story पसंद आई होगी। ऐसी और भी Hindi Horror Stories की कहानी पढ़ने के लिए, हमारे ब्लॉग www.Sagadoor.in पर बने रहे

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