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शापित हवेली – भूतिया हवेली की कहानी | Hindi Horror Stories

Bhutiya haveli-Hindi Horror Stories
Bhutiya Haveli

कुछ लोग एक हवेली खरीदने के लिए आते है उस हवेली का मालिक कहता है एकदम बढ़िया है जी यह हवेली आपके लिए , बोलो कब आ रहे है आप इस में रहने के लिए ,

वह लोग कहते है इतनी भी जल्दी नहीं है , ज़रा देख तो ले और वह देखकर जैसे ही उस हवेली से बाहर निकलते है आस – पास के लोग कहने लगते है शापित हवेली ,शापित हवेली जो लोग हवेली लेने आए थे उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था ,उन्हें कुछ शक होता है , और वह थोड़ा आगे बढ़ते है तो एक व्यक्ति कहता है शापित हवेली – यह एक शापित हवेली है वह लोग अचानक से भाग जाते है और मन ही मन सोचते है यही वजह थी हवेली को यह घर आधे दाम में दे रहा था !

उस हवेली का मालिक चौरसिया कहता है : यह लोग भी चले गए पता नहीं कौन से मनहूस दिन यह हवेली लिया पूरे 50 लाख का लिया था अब कोई आधे दाम में भी नहीं ले रहा हैं,

अब चौरसिया अपने घर को रवाना होता हैं,और अगले दिन सोचता है हवन करवाने की जरूरत है इस हवेली में ,

एक बाबा आते है , अगले दिन हवन करते है उसके अगले दिन किसी रहस्यमय तरीके से उस बाबा की मौत हो जाती है यह बात पूरे गांव में फैल जाती है शापित हवेली है , शापित हवेली ….
जल्द ही उस हवेली के पास वाले लोगों भी भाग जाते है या तो को उनके घर के लोग बीमार हो जा रहे थे या तो पागल हो जा रहे थे ,

मालिक चौरसिया ने भी वह हवेली बेचने की जिद्द छोड़ दी आखिरी क्या था वह शापित हवेली का रहस्य ,
चलिए कहानी की शुरुआत करते है ,

सन् 1987 की बात है कहा जाता यह हवेली यहां के जमींदार का था वो चाहते थे कि यह हवेली बहुत अच्छे से बनाए इसीलिए उन्होंने चार लोगों को बुलाया था वह चार लोग शहर से आए थे , जो कि आर्किटेक्चर (Architecture) थे उनमें से एक लड़की भी थी , जिसका नाम भूमिका था , वह उन चारों में बहुत बुद्धिमती थी , कुछ समय बाद वह हवेली तो बन गया मगर वो महिला भूमिका अचानक ही गायब हो गई कहा जाता है उसने इस हवेली को बनाने के लिए कुछ क्या ही नहीं यहां तक यह तक कहा जाता है कि कोई महिला आई थी नहीं यही सारी बातें वो चौरसिया याद करता है जब उसे यह हवेली इतने सस्ते में मिल रहा था ,

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एक साल बाद चौरसिया के बेटियां की तबियत अचानक ही खराब हो जाती है। वह उससे हॉस्पिटल ( hospital) ले जाते है तो उन्हें पता चलता है उनकी बेटी एक गंभीर बीमारी से गुजर रही है , और काफी पैसे की जरूरत थी उसकी बेटी के लिए अब बस वह सोचता है मुझे पैसों का बंदोबस करना ही होगा , और वह फैसला करता है वह किसी भी तरह से वह शापित हवेली के बेच के रहेगा और वह फैसला करता है एक हफ्ते तक वो अकेले उस हवेली में रहेगा ,
और ऐलान करता है यह हवेली शापित नहीं है और वह कल से उस घर में रहने जायेगा अकेले ,
उसके पत्नी बहुत मना करती है मगर वह चौरसिया नहीं मानता और फैसला पे अड़ा रहता है ,

अगले दिन ,

अब वह एक बैग लेकर जाता है और उस हवेली में रहने के लिए और थोड़े बहुत खाने – पीने का सामान ले कर , वह जैसे ही घर में जाता है लोग कहते अभी से फूलों की माला चढ़ा दो इनके फोटो पर मगर चौरसिया इन बातों को नजरअंदाज करता है और अंदर प्रवेश करता है तभी उसे पूरे घर में शांति थी एक मायूसी सी ऐसी मानो वह हवेली कुछ कहना चाहता हो ,

वह थोड़ा और आगे बढ़ता है और अपना पसीने को कपड़े से साफ करता है , और एक कमरे में जाता है , सब कुछ सही था बस उसे अब रात का इंतेज़ार था , वो बस यही सोच रहा था इस हवेली के बारे में और उस महिला भूमिका के बारे में वो कहा गई होगी ,क्या झूठ या सच कुछ पता नहीं ,

अब वो वक्त भी आ गया कि रात होने वाली थी और सो जाता है आधी रात होते ही अजीब सी चिल्लाने की आवाजें आने लगी अब बस वो इस आवाज का पीछा करता है ,


और आवाज और साफ होने लगती है आवाजें कुछ इस तरह से थी मुझे बचाओ , मत मारो मुझे यह सुन चौरसिया पूरी तरह डर गया मगर फिर वह अपनी बेटियां को याद करता है और आगे बढ़ता तो उसे यह आवाजें के बारे में पता चलता है यह आवाजें जमीन से आ रही थी , उसके पसीने छूट जाते है , तभी एक आवाज आती है ,

आत्मा : बहुत बहादुर हो तुम तो ?
चौरसिया के चेहरे पे पूरी तरह से रंग बदल गया और एशा मानो उसकी आवाज ही चली गई , फिर भी वो थोड़ा प्रयास करता है और कहता है
चौरसिया ( रुक -रुक कर बोलता है ) : कौन ! कौन हो तुम यह मेरा घर है

कोई जवाब नहीं आता और कुछ समय तक चौरसिया सोच में पड़ जाता है , और भूमिका कह के पुकारता है ,
आत्मा : चौरसिया के हाथ पैर जकड़न ( जाम ) कर देती है यह नाम कैसे पता तुम्हें ,

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चौरसिया : आप एक बहुत अच्छी आर्किटेक्चर (Architecture) है ,
आत्मा : एकदम सही ! तुम्हे पता है यह पूरे हवेली नक्शा मेने बनाया है ,
चौरसिया : जी, हां
आत्मा : चलो अब तुम्हे भी मौत के घाट उतारते है ,
चौरसिया : बस अपने पसीने कपड़े से साफ कर रहा था ,अपने हाथ जोड़ के
और बोला देखो में बहुत गरीब हु मुझे छोड़ दे मुझे अपनी बेटी का इलाज करवाना है कृपया कर के आप चले जाए इस घर से , तभी उस घर में पूरी तरह से रोशनी आ जाती हैं , और फिर कोई आवाज नहीं आती

क्या वह सब सच था या सच में चली गई थी वो ,

चौरसिया यही सब सोच रहा था और एक हफ्ते उस घर में रहता है और अच्छे दाम में उस घर को बेच देता है , और अपनी बेटी का इलाज करवाता है ,

चलिए हम जानते है भूमिका की सच्चाई को
उसका अस्तित्व था मगर उसके साथ जो तीन लोग आए
थे वो जलते थे भूमिका से सब से ज्यादा पैसे भी उसे ही मिलते थे वो सब से सीनियर थी ,, एक दिन जब घर की नींव के लिए खुदाई चल रही थी तो उसमें से दो कंकाल मिले जो कि जमींदार की बीवियों की थीं जब यह बात भूमिका को पता चला तो वह सच्चाई सब के सामने लाना चाहती थी , और उस जमींदार के खिलाफ पुलिस स्टेशन जाती है , मगर वह तीन लोग और जमींदार मिल जाते है और भूमिका की हत्या कर देते है और वह मारने से पहले कहती है इस घर में तू कभी भी नहीं रह पाएगा और ऐश ही हु जब यह घर बन गया तो कोई भी व्यक्ति इसमें एक रात नहीं रुक पाया रात होते ही अजीब सी चिल्लाने की आवाजें आने लगती और जो कोई भी कोशिश करता उसकी रहस्यम तरीके से मौत हो जाती,

जब चौरसिया के मौत पे बात आई तो वह रोने लोग और कहा अपनी बेटी की समस्या के बारे में तभी , भूमिका के आत्मा ने देखा और वह उस घर से चली गई ,

Hindi Horror Stories : भूतिया सड़क का खौफनाक रहस्य

निष्कर्ष : 

दोस्तों, मैं आशा करता हूँ कि आपको यह ” शापित हवेली – भूतिया हवेली की कहानी | Hindi Horror Stories” शीर्षक वाली यह भूतिया हवेली की कहानी ( Bhutiya haveli ki kahani ) कहानी पसंद आई होगी , ऐसी और भी Hindi Horror Stories पढ़ने के लिए, हमारे ब्लॉग www.Sagadoor.in पर बने रहे.

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