Hindi Horror Stories for kids

भूतों की बस : डर और रहस्य – Hindi Horror Stories

आज फिर से देर हो गई ,
मेरा नाम कार्तिक ( karthik) है,
मेरे बास ( boss) ने आज इतना काम दे दिया है मुझे आधी रात हो गई अब यह काम खत्म होने को आया है ,
अब में अपने घर जाने के लिए निकलता हु ऑफिस ( office) से अपनी बाइक से अचानक ही यह बीच रास्ते में बंद हो गई ऐसा मानो पता नहीं किया हो रहा है मगर अभी भी मेरा घर दूर था में चल के जाने की सोचता हु ,

और रास्ते में थोड़ी देर एक बस स्टैंड पे बैठ के आराम करता हु तभी अचानक एक लाल रंग की बस आती है ,
मेरे तो होश ही उड़ गए इतनी रात को भी बसे चलती है , में गया दरवाज़ा खुला और उस पूरे बस में अंधेरा था मेने चढ़ते ही कंडक्टर ( conductor) को पैसे दिए और कहा गोमती नगर की टिकट देना और फिर उस तरफ से कोई जवाब नहीं आया मगर उन्होंने मुझे टिकट दी,

में थोड़ा आगे बढ़ा और लोगों को देखने लगा सभी ही सो रहे थे आरे – तिरछे हो कर और कुछ समय बाद ही मेरा स्टॉप आ गया और में उतर गया जैसे ही मेने पलट के देखा वह बस अचानक गायब हो गई जो मेरे लिए एक अजीब सी घटना थी यह कैसे हो सकता है
कुछ समय बाद मेने सोचा यह मेरा वहम होगा और अपने घर चल दिया ,

अगली सुबह में आज गया और आज मैंने बहुत जल्दी ही अपना काम कर लिया और घर जाने के लिए रवाना हो गया अचानक ही मुझे कल रात की बस का ख्याल आया , किया यह सच था या किया था ?

में आज फिर से उसी बस स्टैंड ( Bus Stand ) पे खड़ा हो गया , और डरने वाली बात यह थी कि यह बस आज भी रुकी और में बिना कुछ समझे चढ़ गया बस में ,

मेने फिर कल की तरह ही गोमती नगर की टिकट मांगी और उस तरफ से फिर कोई जवाब नहीं आया इस बार मेने बस के सवारी से बात करने का प्रयास किया किसी ने मुझ से कोई बात नहीं की , और जब मेने थोड़ा और ध्यान से देखा तो मुझे पता चला यह बस पूरी तरह से जली हुई थी और अंदर के बैठें सवारी भी
अचानक से ही मेरा स्टॉप आ गया और में उतर गया और वह टिकट जब मैंने गौर से देखा तो दोनों तरफ से सफेद थी और अचानक ही वह टिकट भी कल की तरह गायब हो गई ,
यह एक रहस्य था यह एक खौफनाक घटित घटना कुछ समझ नहीं आ रहा था ,
मेने इन सब चीजों पे ध्यान देना छोड़ दिया और अपने आप के बचाव के लिए इस बस का ख्याल निकाल दिया ,

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और अपने पहले की तरह जीने लगा एक दिन अचानक मेने किसी व्यक्ति से सुना हा, हां भाई पूरे दस साल हो गए उस बस को जले हुए कहा जाता है उस बस में कुल 20 लोग थे जिन्हें जला के मार दिया गया था ,

अचानक ही मेरे मन में ख्याल आया कि कहीं यह लोग उसी बस की बात तो नहीं कर रहे है ,

मेने उस जली हुई बस के बारे पता लगाना शुरू किया , कई दिनों तक कुछ नहीं मिला फिर एक पेपर मेरे पास आ कर गिरा वह पेपर दस साल पुराना था ,
उसमें लिखा था जो संस्था की जमीन के लिए लड़ रहे थे
उनकी बस में आग लगने की दुर्घटना से मौत हुई ,

यह इतना सूचना मेरे लिए काफी नहीं था ,
यह ऑर्टिकल जिसने लिखा था , में उसके पास गया ,
मेने उनसे पूरी सूचना लेने की कोशिश की उन्होंने ने पहले बताने से मना कर दिया ,

मगर अब में इतना आगे आया हु कुछ तो करना ही था मेने उस व्यक्ति को पैसे दिए तो वह मुझे बताए कि किया है यह सब और किया था यह आग सचमे लगी थी या लगाई गई थी ,

व्यक्ति : उस बस में बैठें कुल 20 लोग थे जो कि एक कैसे ( case) लड़ रहे थे इन्होंने अपनी संस्था के लिए एक जमीन ली थी उन्होंने कई साल से चंदा इकट्ठा कर के पैसे जमा किए थे और जमीन ली थी , वह चाहते थे कि इस संस्था में वह अनाथ बच्चे और बुजुर्ग के लिए रहने और खाने पीने की व्यवस्था करेंगे ,
मगर उस जमीन पे एक व्यापारी ( business man ) कि नज़र थी वह उस जमीन पड़ एक सिनेमा घर बनाना चाहता था ,
उस व्यापारी ने किसी तरह कहा अपने लिए कोई और जमीन देख ले इसके बदले वह पैसे भी दे रहा था मगर वह जमीन वह सस्ते में लेना चाहता था ,
उसने कई बार धमकी भी दी तो कुछ लोग ने अपने कदम पीछे ले लिए , मगर यह 20 लोग नहीं माने ,

और उन्होंने उस व्यापारी के खिलाफ केस ( case) कर दिया जब कोर्ट में सुनवाई थी, जब वह जिस बस से आ रहे थे उन्होंने उसके ब्रेक फैल ( break fail ) करवा दिया और आग लगा के जला के मरवा दिया , और दिखाया ऐशा की ब्रेक फैल ( break fail ) हुआ और दीवार से जा कर टकरा गई और बस में आग लग गई इस वजह से सब लोग मर गए !

जब यह लोग कोर्ट ( court ) में उपस्थित नहीं हुए तो जज ( judge ) ने अपना फैसला व्यापारी के हक में सुनाया ,

कार्तिक ( मन ही मन ) : वह अब उन लोगों की मदद करना चाहता है बस ,

और फिर एक दिन बस स्टैंड पे आ गया , उसने फैसला किया बस के लास्ट स्टॉप तक जाएगा और कुछ घंटों के सफर के बाद बस एक जगह जा कर रुकी वह जगह कब्रिस्तान थी सब लोग एक एक कर के अपने कब्र में सो जाते है ,

” अब कार्तिक को समझ में आता है यह लोग रोज़ उस केस के लिए कोर्ट की तरफ जाने के लिए निकलते है और उस समय वह पहुंच नहीं पाए तो रोज़ वह दिन बार – बार दोहराते है , “

इनकी आत्मा को शांति नहीं मिली अभी तक ,

अब कार्तिक फैसला कर लेता है , वह इनकी मदद करेगा और अपने दोस्त को शामिल किया और पता लगाया कि वह व्यापारी अभी कहां है और उस जमीन के बारे में जो संस्था के लिए ली गई थी ,

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उस जमीन पे एक बहुत बड़ा सिनेमा घर बन चुका था जो कि बहुत लोकप्रिय हो गया था ,
अब बस उन 20 लोगों की मौत का सच्चाई सब के सामने लाना था , हमने सब से पहले उस व्यापारी से मिले मेने और मेरे दोस्त ने बताया हम इंवेस्टमेंट ( invesment ) करना चाहते है , और उनसे मिलना भी चाहते थे ,
जब हमने बताया उसे की करोड़ों का इनवेस्मेंट ( invesment) करना चाहते है , और वह राजी हो गया ,
और कल हमारी मीटिंग ( meeting ) तय हुई ,

अब हमें किसी तरह उस बस में इस व्यापारी को भेजना था और इतना तो यकीन था कि बाकी बचा हुआ तो वह बस में बैठे आत्माएं कर लेंगी ,

इतना आसान नहीं था मगर हमने कर दिया हमने उससे सारा योजना बताया इनवेस्मेंट को ले कर और कहा कि सारे कागज तो उस बस में रखे हुए है आप चले हमारे साथ बस दो मिनिट्स लगेंगे और आपका काम भी हो जाएगा और हमारा भी ,

वह व्यापारी ने बहुत मुश्किल से कहा हां ,
और वह बस में हमने उसे चढ़ाया और दरवाज़ा बंद हुआ और कुछ समय बाद हमने देखा वह बस पूरी तरह से गायब हो गई अब उन लोगों ने उसका किया होगा यह एक सोचते हुए भी डर लगता है ,

मेरे दोस्त ने मेरा बहुत साथ दिया आखिरी में हमने एक और काम किया हमने एक वीडियो बना के यह सारी कहानियां बताई उन 20 लोगों के बेरहमी से मौत और उस जमीन के बारे में कोई लोगो ने खुल के दान किया ,
और हमने एक जमीन ली , और आखिरी में उन्हें संस्था बनाया गरीब बच्चों के लिए और बुजुर्गों के लिए ,
सच में कई सारे लोगों ने सहायता करी ,

अगले दिन में रात का इंतेज़ार करने लगा गया बस स्टैंड पे और इस रात वह बस नहीं !

निष्कर्ष : 

दोस्तों, मैं आशा करता हूँ कि आपको यह ” भूतों की बस : डर और रहस्य – Hindi Horror Stories” शीर्षक वाली यह भूतिया बस की कहानी  (bhutiya Bus) कहानी पसंद आई होगी , ऐसी और भी Hindi Horror Stories पढ़ने के लिए, हमारे ब्लॉग www.Sagadoor.in पर बने रहे.

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