कुएं का पानी-The Well of Water

एक किसान अपने खेत के सिंचाई के लिए आस – पास एक कुआं ढूंढ रहा था , बड़ी मुश्किलों के बाद ,
उस किसान को एक कुआं मिल जाता है ,वह जैसे ही बाल्टी कुएं में डालता है , एक व्यक्ति उसे रोकता है जिसका व्यक्ति का नाम भूषण है ,
भूषण : यह कुआं मेरा है तुम यहां से पानी नहीं ले सकते मगर किंतु यह कुआं तुम खरीद सकते हो मुझे इसकी रकम अदा कर दो ,
किसान यह सुन खुश हो गया मन ही मन सोचने लगा अगर यह कुआं मेने खरीद लिया तो मेरे लिए फायदे का सौदा रहेगा मुझे कभी भी जरूरत रहेगी में कुएं से पानी ले सकता हु , इस वज़ह मेरी फसल भी अच्छी होगी !
कुछ समय पश्चात् ,
दोनों व्यक्तियों ने एक रकम तय की ,
किसान के पास इतने पैसे नहीं थे , मगर वह अपने दोस्तों के सामने पूरी बात बताता है , उसके सारे दोस्त थोड़े – थोड़े पैसे किसान को देते है ,
किसान बहुत खुश था अब वह कुआं उसका हो जाएगा यह सोच के उसे नींद भी अच्छी से नहीं आई,
अगली सुबह ,
किसान ने रकम अदा कर दी और यह कुआं अब किसान का हो गया था ,
अब किसान कल से काम शुरू करने का फैसला करता है ,
अब अगली सुबह ,
किसान बाल्टी को कुएं में डालता है ,पानी निकालने के , थोड़ी देर बाद भूषण आ जाता है , और कहता है
भूषण : मेने तुम्हें केवल कुआं बेचा है , पानी नहीं !
किसान : यह किया कह रहे हो तुम ! तुमने जो रकम कहा मेने तुम्हें आदा करी यह कुआं मेरा है ,
भूषण : एक ही बात पे आड़ा रहा केवल कुआं तुम्हारा है कुएं का पानी नहीं ,
किसान दुखी हो कर दरबार में जा पहुंचा ,
शहंशाह अकबर ने सारा मामला ध्यान पूर्वक सुना और भूषण को दरबार में आने का फरमान भेजा ,
भूषण : जहांपनाह ! मेने केवल अपना कुआं बेचा है उसके अंदर का पानी नहीं !
शहंशाह अकबर ( मन ही मन ) : क्या करे कुछ समझ नहीं आ रहा , और कुछ देर बाद बीरबल से मुखातिब हुए ,
बीरबल अब आप ही यह मामला सुलझाए ,कुएं का पानी का ,
बीरबल : जी जहांपनाह !
बीरबल : हम सभी को उस कुएं के पास जाना होगा जहांपनाह !
सभी दरबारी , शहंशाह अकबर ,बीरबल ,भूषण और किसान कुएं के पास पहुंचे
बीरबल : भूषण तुम यह तो मानते हो कि कुआं किसान का है ,
भूषण : जी बीरबल !
ठीक है , अब या तो तुम यह सारा पानी इस कुएं से निकाल लो या कुएं में पानी रखने का किराया दो किसान को ,
सभी लोग चौक गए और भूषण भी समझ गया अब ज्यादा बोलना सही नहीं है ,
भूषण : मुझे माफ कर दे जहांपनाह ! ऐसी गलती में दोबारा नहीं करूंगा , अब से यह कुआं और पानी दोनों ही किसान का हुआ ,
शहंशाह अकबर : वह बीरबल , तुम्हारे पास हर एक सवाल का जवाब होता है ,कबीले तारीफ बीरबल !
कहानी से सिख :
जब आप अपने बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल ठग या चालबाजी में करते है तो ध्यान रखें आप से भी बड़े अक्लमंद है और जैसा आप दूसरे के साथ करते है आपके साथ भी वैसा ही होता है , सबका अच्छा सोचे अच्छा करे !
आम का पेड़ और बीरबल की चतुराई :अकबर बीरबल की प्रेरणादायक कहानी

शहंशाह अकबर का राज्य बहुत बड़ा था हर दिन कोई ना कोई समस्या आती ही रहती थी, मगर एक समस्या जब आम के पेड़ से जुड़ी हुई थी आइए पढ़ते है ,यह मज़ेदार अकबर बीरबल की कहानी – ” आम का पेड़ “
एक आम का पेड़ जो की दो घर के बीचों बीच था , वह दोनों घर के व्यक्ति आपस में अक्सर ही छोटी – छोटी बातों पे लड़ते रहते थे,
एक व्यक्ति का नाम कैलाश था तो दूसरे व्यक्ति का नाम केशव ,
कुछ समय बाद उस पेड़ पे आम आने लगे, केशव जा कर पेड़ के आम खाने लगा तो कैलाश ने कहा यह मेरा आम का पेड़ तुम्हारा नहीं ,
केशव : यह मेरा आम का पेड़ है,
और दोनों अपनी ही राग पे झगड़ने लगे इस बार यह झगड़े आपस में इतने बढ़ गए की यह समस्या दरबार में जा पहुंची ,
जब शहंशाह अकबर ने यह आम के पेड़ की समस्या सुनी तो वह खुद चौंक गए की आम का पेड़ किसका है कैसे पता लगाया जाए, आम का पेड़ दोनों व्यक्तियों के घर के बीचों बीच था ,
अब शहंशाह अकबर बीरबल से मुखातिब हुए : बीरबल अब आप ही पता लगाए कि यह आम का पेड़ किसका है ?
बीरबल : जी जहांपनाह ,
आप दोनों व्यक्ति अभी अपने – अपने घर जाए मुझे कुछ समय दे सोचने के लिए आम का पेड़ किसका है !
अब शाम के समय ,
बीरबल ने अपने रघु काका जो उनके यहां काम करते थे ,
उन्हें कहा कि आप दोनों व्यक्तियों के घर जाए , और दोनों को सूचना दे की चोर आम चुरा रहा है ,
और यह सूचना के बाद दोनों व्यक्तियों की प्रतिक्रिया क्या है वह मुझे बताए ,
अब अगले दिन सुबह ..read more
निष्कर्ष :
दोस्तों, मैं आशा करता हूँ कि आपको ” कुएं का पानी : अकबर-बीरबल की कहानियाँ ” शीर्षक वाली यह “Akbar and Birbal Stories” पसंद आई होगी , ऐसी और भी “अकबर बीरबल की कहानी “, ” Birbal Ke Kisse” ,” बीरबल की बुद्धिमानी ” की कहानी पढ़ने के लिए, हमारे ब्लॉग www.Sagadoor.in पर बने रहे , धन्यवाद !
