bhutiya haveli ki kahani

भूतिया हवेली – एक छुपा खज़ाना : Hindi Horror Stories

भूतिया हवेली ( bhutiya haveli ) में एक ख़ज़ाने का बक्शा कहां है किसी को पता नहीं जो भी जाता है लौट के वापस आया नहीं क्या हो जब एक व्यक्ति को इसके बारे में पता चले और निकल जाए ख़ज़ाने के तलाश में पढ़िए Hindi Horror Stories की यह भूतिया हवेली और ख़ज़ाने के रहस्य की मज़ेदार कहानी !

मेरा नाम रवि है , आज में मुंबई जा रहा हूं मेरी ( chef ) की नौकरी लगी है बड़े रेस्टोरेंट में ,
मुझे खाना बनाना और खिलाना दूसरे व्यक्तियों को अच्छा लगता है , इसीलिए मेने अपने लिए यह काम चुना , में मुंबई में किसी को जानता तो नहीं हूं मगर मेने एक चॉल ( chawl ) में अपने लिए कमरा लिया है , मेरे माता – पिता ने माना किया मगर में भी थोड़ा जिद्दी था आगे बढ़ना है तो मेहनत तो करनी होगी फिर में चल दिया अपने रास्ते मेरे पिता ने मुझे एक बक्सा दिया और कहा जब मन ना लगे तो इससे खोल लेना मेने कहा ठीक है पिता जी ,

मेने मुंबई के चॉल ( chawl ) में 2000 रुपए प्रति माह के लिए कमरा लिया था यह थोड़ा गंदा तो था मगर मेने साफ कर लिए अब मेरा कल पहला दिन है मुझे उम्मीद है में अच्छा खाना बनाऊंगा ,

कल सुबह ,

में रेस्टोरेंट में गया मेने सोचा आज में अपने मैनेजर को खुश कर दूंगा अच्छा खाना बना के मगर मुझे नहीं पता था जल्दबाजी करने की वजह से यही सब हो जाएगा मेने खाने में नमक ज्यादा डाल दिया , सभी ने बहुत बेज्जती करी मगर कोई बात नहीं में अपना अच्छा करने की कोशिश करूंगा ,


और मुझे हफ्तों तक फिर वेटर की नौकरी करवाई दूसरे व्यक्तियों को खाना परोस ( serve) कर – कर के थक गया था में एक दिन मेने अपने मैनेजर से बहस कर ली मुझे खाना बनाने का काम दे, में ( chef ) के लिए आया था न कि वेटर ( waiter ) के लिए ,
उस शाम बहुत तेज़ बारिश होने लगी किसी तरह आज का दिन बीता,
मेरे कमरे में पानी भर गया था तभी अचानक से एक अटैची गिर गई जिसमें कई सारी किताबे थी , जो मेरे पिता जी ने मुझे दी थी , मेने जब ध्यान से देखा तो बच्चों की हिंदी कहानियां की किताबें थीं , जिसमें पंचतंत्र की कहानियों की किताबें भी थी ,
मुझे एक डायरी मिली जिसमें भूतिया हवेली ( bhutiya haveli ) लिखा था और खजाने का रहस्य !
यह कहानी हाथ से लिखी हुई थी उस बारिश में मेने उसे उठाया उसके कुछ पेज गीले हो गए थे मगर पढ़ सकते थे उससे , लिखा थी भूतिया हवेली और रहस्य का पता लगाने और उस ख़ज़ाने के लिए कई लोग गए ,
इस भूतिया हवेली में कुछ लोग समूह बना कर गए तो कुछ लोग अकेले गए मगर कोई लौट कर नहीं आया उस हवेली से खजाने का रहस्य बस एक रहस्य था,
वो खाजना कहां था उस हवेली में कोई कुछ नहीं जानता था , जो भी जाता वहां लौट कर ना आता
कहा जाता है कि उस घर के मालिक ने एक आधी उम्र बड़ी महिला से शादी की क्योंकि वह बहुत अमीर थी
मालिक जिसका नाम शिशाकं है उसे बस उस महिला के धन के लिए शादी की थी , शिशाकं ने योजना बनाई की कुछ सप्ताह बाद वह इसे मार कर सारी धन और जमीन जायदाद हथिया लेगा ,

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अगले दिन उसने योजना बनाई रात के समय उसने दूध में सोने की दवा मिला दी और उसका गला दबा कर मार दिया उस शिशाकं ने बहुत कोशिश करी वह बक्सा ढूंढ़ने की जिसमे उसकी पत्नी अपने सोने के गहने और हीरों से बना हार रखा था और कई सारी चीजें थी उसमे मगर वह उससे मिल तो जाता है मगर उसने उसे कहां रखा यह किसी को पता नहीं चलता और कुछ हफ्तों बाद एक रहस्म्या तरह से गायब हो गया जब वहां के गांव के लोगों को पता चला तो उनमें से कई लोगों ने हवेली में घुस कर चोरी करने की कोशिश करी तो जैसे ही वह हवेली में गए उनकी मौत हो गई मगर एक व्यक्ति जिसका नाम कालू था वह बच गया मगर उसकी उम्र बढ़ गई और कुछ सही से नहीं बोल पा रहा था ,
उस खजाने का रहस्य बस रहस्य ही रहे गया
जब रवि यह कहानी आगे पढ़ता है तो कुछ समझ नहीं आता क्योंकि गीले होने की वजह से पूरी तरह से अक्षर साफ – साफ नहीं दिख रहे थे ,

जब वह थोड़ा आगे पेज पलटता है तो लिखा था वह महिला का एक बेटा था जो कि जन्म से ही वह दूसरे बच्चे की तरह नहीं था वह थोड़ा अलग था यह बात उस उस शिशाकं को पता थी मगर उसने बस यह सब उस महिला के धन और जमीन का जायदाद के लिए शादी की थी , ऐशा माना जाता है वह महिला का बक्शा उस भूतिया हवेली में है जो की पूरी तरह से खजाने से भरा हुआ है कहा जाता है अगर जिस किसी को भी वह बक्सा मिल गया वह पूरी जिंदगी काम करने की जरूरत नहीं उसकी पुस्ते भी बैठ के ख़ा सकती है , उस डायरी के अंत में लिखा था एक कहानी जो सच्ची आधारित घटना है और वहां जाने की कोशिश ना करें,

रवि : किया है यह सब ऐसे ही कुछ भी कहानी लिख देते है और सो जाता है , अगली सुबह वह रेस्टोरेंट में जाता है और वहां के कर्मचारी कहते है कल तुमने जो काम किया उसके वजह से तुम्हे वेटर की नौकरी से भी निकाल दिया गया है , अगर तुम काम करना चाहते हो तो यहां सफाई कर्मचारी का काम कर सकते हो रवि ने कई बार अपने सीनियर्स ( seniors) और मैनेजर ( Manager ) को कहा सर एशा ना करे , मगर उन्होंने कहा करना है तो करो वरना जा सकते हो ,

अब जब तक कहीं और नहीं लग जाती वह कहीं जा भी नहीं सकता था वह जब काम कर रहा होता है तो उससे बार बार वह कहनी याद आती है , जो भूतिया हवेली और खजाने का रहस्य के बारे में उसने पढ़ा था और डायरी के अंत में लिखे शब्द सच्ची आधारित घटना और वहां जाने की कोशिश ना करे ,
जब उसके काम का समय ख़तम होता है तो अपने पिता को फोन कर पूछता है , उसे पता चलता है कि उन्हें इन सब के बारे में ऐसा कुछ पता नहीं ,
वह हफ्तों तक साफ – सफाई का काम करता और एक दिन फैसला करता है एक बार जा कर देखना चाहिए , साफ – सफाई का काम तो कहीं भी मिल जाएगा
अगली सुबह निकल जाता है वह भूटान के लाया गांव ( laya village ) में,
अब बस उसे उस हवेली के पास जाना था , मगर यह पता नहीं कि वह है कहां , भूतिया हवेली ( bhutiya haveli ) के बारे में जैसे कुछ पूछता है , सब कहते है चले जाओ यहां से , चले जाओ ,
पर वह किसी तरह आज की रात एक पेड़ के नीचे बिताता है ,

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अगली सुबह ,
उसे एक व्यक्ति मिलता है , वह कुछ बोल नहीं पा रहा था , वह एक बुजुर्ग थे ,
रवि : चाचा अपने उसने उस भूतिया हवेली के बारे में सुना है ,

चाचा : ( कुछ नहीं बोलते ) और बस एक इशारा करते है अपना हाथ दिखा कर और भाग जाते है
अब रवि उस तरफ आगे बढ़ता है ,
उसे एक जंगल के बीचों बीच एक हवेली मिलती है जो कि पूरी तरह से पेड़ – पौधे से जकड़ी हुई थी ,

वह हवेली का दरवाजा खोलने की कोशिश करता है मगर वह दरवाज़ा खुलता नहीं है , उसमें काफी जंग लगा था वह दीवार छलांग लगा के उस हवेली में जाता है ,
वह आगे बढ़ता है पूरे हवेली में मकरी के जाले थे वह किसी तरह आगे बढ़ता है , चुप – चाप तभी रवि को एक हलचल महसूस होता है जैसे कोई उसे देख रहा हो ,
उसके पसीने छुटने लगते है और वह पूरा पसीना – पसीना हो जाता है ,
थोड़ी हिम्मत कर वह आगे बढ़ता है , और एक – एक कमरे में ढूंढना की कोशिश करता है जब वह सारे कमरे ढूंढ लेता है तभी अचानक एक आवाज आती है किया हुआ , नहीं मिला और ज़ोर ज़ोर से हंसने लगती है वह एक महिला की आवाज़ थी ,
रवि जैसे ही पीछे मुड़ कर देखता है वहां कोई नहीं था ,
वह समझ जाता है अब बस आखिरी दिन है यह उसका और अपनी आंखे बंद कर के ऊपर वाले को और अपने परिवार को याद करता है और आंखे खोलता है ,

वह उठ कर भागने लगता है तभी , सारे दरवाज़े और खिड़की बंद हो जाते है ,
अब रवि हर वक्त अपने चेहरे पे मुस्कुराहट रखता है ,
वह आधी उम्र की महिला का आत्मा प्रकट होता है
वह एक भरी आवाज में पूछती है
आत्मा : तुम इतना मुस्कुरा क्यों रहे हो !
रवि : मुझे मार दो तुम शायद यही तक जीवन था मेरा ,
आत्मा : तुम यहां खजाने के लिए आए थे ?
रवि : हां , मगर में तो यह भी जानता हु खजाना कहां है यह तुम्हे भी पता नहीं,
आत्मा ( कुछ समय तक बोली ही नहीं ) ,
फिर तुम्हें भी तो पता नहीं ,
रवि : मारने से पहले मेरी एक इच्छा है आपके बेटे की कब्र कहां दफ़न है ?
आत्मा ( भयानक आवाज में ) : तुम कैसे जानते हो यह सब ?
रवि : एक डायरी में लिखा था किया मुझे आप बता सकती हो वह कब्र कहां है , कैसे मृत्यु हो गई उनकी ,
आत्मा : उस तरफ इशारा करते हुए बोली , मगर बस अब तुम नहीं बचोगे
रवि : मुझे बस एक मौका दे दो , मेने सुना है तुम्हारा बेटा बहुत सुंदर था में बस एक बार उसकी कब्र के पास जाना चाहता हु फिर तुम मुझे मार देना ,
अचानक से दरवाज़े और खिड़कियां खुल जाती है

bhutiya haveli ka rahasya
Hindi Horror Stories – bhutiya haveli


रवि जैसे ही बाहर जाता है वह माचिस से आग लगा कर पूरे हवेली में आग लगा देता है और वह आत्मा का शरीर जहां मारा हुआ था उस हवेली में जल जाता है और वही वह आधी उम्र की महिला की आत्मा धुएं में गायब हो जाती है ,

अब थोड़ी देर बाद रवि उस आधी उम्र की महिला के बेटे के कब्र से वह खजाने का बक्शा निकाल लेता है ,
और एक मुस्कुराहट देता है ,
अब कहानी में आपको समझता हूं जब शिशांक ने दूध में दवा मिलाई थी तो उस आधी उम्र की महिला के बेटे ने देख लिया था तब शिशांक ने उसके बेटे को भी मार दिया था और उसकी सहायता उस हवेली के नौकर ने की थी जो कि कालू था , अब यह वही था जो उस भूतिया हवेली से बच निकला था मगर अब कुछ बोल नहीं सकता था ,

मगर इसने रवि को सारी बात बताई लिख कर और खजाने का बक्शा कहां है यह भी मगर उसे यह नहीं पता था वह कब्र कहां है , अब रवि तैयारी कर के उस भूतिया हवेली घुसता है वह जहां भी गया हर जगह तेल गिराते गया जिससे यह हवेली जलने में दिक्कत ना हो !
और उस आत्मा के बेटे की तारीफ कर उसके कब्र का पता लगा लिया उसे कहां दफ़न किया था शिशांक ने ,

उसी आत्मा ने शिशांक को पूरी तरह गला दबा के मार दिया था और बाकी वह लोग भी जो उस खजाने की तलाश में आते थे ,
वह आत्मा को जब पता लगा उसके दूध में कुछ मिला है जो कि उसके बेटे ने बताई थी वह देख लेती है कि शिशांक ने मेरे बेटे को मार दिया इसी वजह से जब शिशांक इसका गला दबा के मारने की कोशिश करता है तो वह मारने का नाटक करती है और फिर थोड़ी देर बाद उस हवेली में उस शिशांक को मार देती है , जहां उसने छुपा कर रखा था उस जगह से शिशांक ने कही और रख दिया था यह उसे पता नहीं था और वह अब कुछ कर नहीं सकती थी इसी कारण वह खुद को मार लेती है और पूरे हवेली में उसकी आत्मा का कब्जा कर लेती है यह ही कारण था कि रवि ने उस भूतिया हवेली ( bhutiya haveli ) को जला दिया था ।

अब कुछ समय बाद रवि उस खजाने की वजह से अपना रेस्टोरेंट खोलता है और अपने माता – पिता के साथ अच्छा जीवन जीता है !

कहानी से सीख :

सूझ बुझ और संयम से किया गया काम हमेशा सफल हो होता है ,
जल्दबाजी में हम अक्सर गलतियां कर बैठते है !

निष्कर्ष : 

दोस्तों, मैं आशा करता हूँ कि आपको यह ” भूतिया हवेली – एक छुपा खज़ाना : Hindi Horror Stories” शीर्षक वाली यह भूतिया हवेली की कहानी  ( bhutiya haveli) कहानी पसंद आई होगी , ऐसी और भी Hindi Horror Stories पढ़ने के लिए, हमारे ब्लॉग www.Sagadoor.in पर बने रहे.

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